शरीर की हड्डियों को हमेशा रहने दें जवान, गलत खानपान से बचें

जीवनशैली में लगातार हो रहे बदलाव के कारण इंसान अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे पाता है। इसका मुख्य कारण भागदौड़ भरी जिदगी भी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 11:08 PM (IST)
शरीर की हड्डियों को हमेशा रहने दें जवान, गलत खानपान से बचें
शरीर की हड्डियों को हमेशा रहने दें जवान, गलत खानपान से बचें

सहारनपुर, जेएनएन। जीवनशैली में लगातार हो रहे बदलाव के कारण इंसान अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे पाता है। इसका मुख्य कारण भागदौड़ भरी जिदगी भी है। गलत खानपान और कुछ लापरवाही के कारण लोग बड़ी संख्या में गठिया रोगी हो रहे हैं, जिसे अर्थराइटिस पेसेंट भी कहते हैं। एसबीडी जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. मनोज चतुर्वेदी की माने तो गठिया रोग अधिकतर शरीर के जोड़ों में होता है। यह रोग सबसे अधिक घुटनों में पाया जाता है। घुटनों में सूजन आना, अकड़पन होना आदि इस रोग के लक्षण हें। डा. मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि लोगों को सुबह और शाम के समय एक्सरसाइज करनी चाहिए। योग करना चाहिए। घुटनों में अधिक समस्या बढ़ जाने के कारण अपने डा. की सलाह से दवाई खानी चाहिए। अपने खाने में ऐसे सामान को शामिल करें, जिसमें विटामिन और पोषक तत्व हों।

12 अक्टूबर को मनाया जाता है विश्व गठिया रोग दिवस

एसबीडी जिला अस्पताल के डा. मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि विश्व गठिया दिवस 12 अक्टूबर 2013 को पहली बार देश में मनाया गया था। इसे मनाने का उद्देश्य था कि लोगों को इस रोग के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि देश में गठिया रोग से पीड़ित लोगों की संख्या अचानक बढ़ी। जिस तरह से शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ी, ऐसे ही गठिया से पीड़ित लोगों की संख्या भी बढ़ी। इसके बाद 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

गठिया रोग के ये हैं लक्षण

- सीढि़या चढ़ते समय घुटनों में दर्द का होना।

- जमीन पर बैठकर जोड़ों में दर्द का होना।

- घुटनों में अकड़न, चलते समय दर्द का होना।

- घुटनों में से चलते समय आवाज आना, सूजन आना।

- कोहनी, घुटनों, शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द का होना।

गठिया रोग के लिए यह करें बचाव

- रोजाना व्यायाम, योग जरूर करना चाहिए।

- वजन को बिलकुल भी बढ़ने न दें।

- लचीला कार्टिलेज को कम न होने दें।

- सुबह के समय पैदल चले। ओस वाली घास पर चलें।

chat bot
आपका साथी