सहमति से हुआ दुकान का आवंटन, उड़ी शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां

नानौता क्षेत्र के गांव ढाकादेई में शनिवार को ग्रामीणों की सहमति पर पुलिस व प्रधान की उपस्थिति में सहकारी सस्ते गल्ले की दुकान का आवंटन किया गया लेकिन इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों की अनदेखी की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:40 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:40 PM (IST)
सहमति से हुआ दुकान का आवंटन, उड़ी शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां
सहमति से हुआ दुकान का आवंटन, उड़ी शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां

सहारनपुर, जेएनएन। नानौता क्षेत्र के गांव ढाकादेई में शनिवार को ग्रामीणों की सहमति पर पुलिस व प्रधान की उपस्थिति में सहकारी सस्ते गल्ले की दुकान का आवंटन किया गया, लेकिन इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों की अनदेखी की गई।

सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन हेतु गांव के सरकारी स्कूल में खुले में आयोजित सार्वजनिक पंचायत में उपस्थित सैकड़ों ग्रामीणों की सहमति से सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान आवंटन राजेंद्र पुत्र विजय सिंह के नाम हुई। पूर्व में ढाकादेई के ग्रामीणों को राशन का वितरण पड़ोस के गांव तुरमत खेड़ी निवासी डीलर द्वारा किया जाता था। लगभग तीन महीने पूर्व उसका ढाकादेई का कोटा निरस्त कर दिया गया था, जिसके चलते आज कोटे की दुकान का आवंटन की प्रक्रिया की गई।

आवंटन की प्रक्रिया प्रधान सुखपाल सेक्रेटरी संजय चौधरी पर्यवेक्षक विरेंद्र कुमार व पुलिस की मौजूदगी में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। इस अवसर पर देवी सिंह, वासिल,साबिर,शहजाद, समरयाब, अहसान, संजीव,रंजीत, बिट्टू,अशोक, बबली, कविता, मीनू, इरशाद व सुंदर आदि उपस्थित रहे।

अंग्रेजों के बनाए काले कानूनों की समाप्ति तक संघर्ष रहेगा जारी

देवबंद : गुरू पूर्णिमा के अवसर पर बाबा फकीरादास की तपोस्थली मिरगपुर गांव में अंतरराष्ट्रीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने गुरू के बताए रास्ते पर हमेशा चलने संकल्प लिया। साथ ही राष्ट्र द्रोह समेत अंग्रेजों के बनाए कानूनों की समाप्ति तक संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया।

शनिवार को बाबा फकीरादास सिद्धकुटी परिसर में हुई बैठक में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विरेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि राष्ट्रद्रोह समेत अंग्रेजों के बनाए अनेक काले कानूनों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे देश में आज भी ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन चल रहा है। यह जनता पर अन्याय है। कहा कि हम संकल्प लेते हैं कि जब तक अंग्रेजों के बनाए कानून भारत से समाप्त नहीं हो जाते तब तक अंतर्राष्ट्रीय किसान यूनियन का संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर वरिष्ठ गुर्जर, वेदपाल सिंह, मामचंद प्रधान, भूरा भंडारी, शुभम पंवार, कुणाल पंवार आदि रहे।

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