56 दिन बाद फिर अदालतें अधिवक्ताओं के लिए खुली

उच न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल आशीष गर्ग की ओर से जारी दिशा निर्देश पर 56 दिन बाद दिवानी कचहरी फिर गुलजार होगी। नियमों का पालन न केवल अधिवक्ता वर्ग को बल्कि अधिकारी और कर्मचारियों को भी करना होगा। शुरुआत में साक्ष्य दर्ज करने के अलावा सभी मामले चलेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:59 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:59 PM (IST)
56 दिन बाद फिर अदालतें अधिवक्ताओं के लिए खुली
56 दिन बाद फिर अदालतें अधिवक्ताओं के लिए खुली

जेएनएन, सहारनपुर। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल आशीष गर्ग की ओर से जारी दिशा निर्देश पर 56 दिन बाद दिवानी कचहरी फिर गुलजार होगी। नियमों का पालन न केवल अधिवक्ता वर्ग को बल्कि अधिकारी और कर्मचारियों को भी करना होगा। शुरुआत में साक्ष्य दर्ज करने के अलावा सभी मामले चलेंगे। विचाराधीन कैदी के संबंध में रिमांड व अन्य न्यायिक कार्य केवल वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से किया जाएगा। कार्य पूर्ण होते ही न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को न्यायालय छोड़ना होगा।

सैनिटाइजेशन जरूरी

परिसर खोलने से पहले, जिला जज जिला मजिस्ट्रेट अन्य प्रशासनिक अधिकारियों और सीएमओ/ सीएमएसएस की मदद से पूरे कोर्ट परिसर की सफाई पूरी तरह से सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी प्रतिदिन कोर्ट परिसर का सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करेंगे।

कोर्ट परिसर का सैनिटाइजेशन कोर्ट खोलने के लिए एक पूर्व शर्त है। जिसका चिकित्सा दिशानिर्देशों के अनुसार कड़ाई से पालन करना होगा। न्यायालय परिसर और न्यायालय परिसर में जहां कहीं भी इस तरह के स्वच्छता कार्य नहीं किए जाते हैं, ऐसे न्यायालय न्यायिक कार्य के लिए नहीं खोले जाए। ऐसी स्थिति में संबंधित जिला जज जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट के साथ जिला प्रशासन और उच्च न्यायालय को सूचित करें।

वकीलों के लिए नियम

न्यायालय में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों का थर्मल स्केनिग, अधिवक्ताओं के लिए उचित दूरी के साथ न्यायालय कक्ष में केवल चार कुर्सियों की व्यवस्था की जाएगी। कोर्ट परिसर और कोर्ट रूम में सोशल डिस्टेंसिग का सख्ती से पालन किया जाएगा। मास्क का उपयोग न्यायालय परिसर के साथ-साथ न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सख्ती से किया जाएगा। कोर्ट रूम के दरवाजे पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। केवल उन्हीं अधिवक्ताओं को, जिनका मामला किसी विशेष तिथि को सूचीबद्ध है, न्यायालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है। वादकारियों या अन्य प्रतिनिधियों को परिसर में आने की मनाही है।

न्यायालयों के कामकाज के संबंध में रूपरेखा बनाने के लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाए। न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के प्रवेश को प्रतिबंधित/विनियमित करने के लिए उनसे आवश्यक सहायता ली जा सकती है।

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वकीलों को आइ कार्ड जरूरी

बार संघ अध्यक्ष अभय सैनी ने बताया कि परिसर में आने के लिए अधिवक्ता के पास आइकार्ड जरूर होना चाहिए। जिला जज अश्वनी त्रिपाठी ने बुधवार से कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दे दी है।

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