माह ए रमजान में मिलती है गुनाहों से बख्शिश
रामपुर रहमतों और बरकतों वाला रमजान का मुबारक महीना चल रहा है।
रामपुर : रहमतों और बरकतों वाला रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। मुसलमान अल्लाह की इबादत में लगे हुए हैं। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कुबूल करता है। इस मुबारक महीने में गुनाहों से बख्शिश मिलती है। इस महीने में मुसलमान दिन में रोजा रखते हैं और रात को इशा की नमाज में बीस रकअत तरावीह में कुरान सुनते हैं। तरावीह की नमाज में खुदा ने बहुत बड़ा सवाब रखा है। बुधवार को दूसरी तरावीह अदा की गई।
माह ए रमजान की फजीलत बयान करते हुए मौलाना इस्हा़क कहते हैं कि माह ए रमजान इबादत, नेकियों और बरकतों का महीना है। इस्लाम के मुताबिक अल्लाह ने अपने बंदों पर पांच चीजें फर्ज की हैं, जिनमें कलमा, नमाज, रोजा, हज और जकात शामिल है। रमजान में हर नेकी का सवाब 70 नेकियों के बराबर होता है। रोजा अल्लाह को बहुत पसंद है, क्योंकि यह बातिनी इबादत है। इंसान सिर्फ अल्लाह की रजा के लिए भूख और प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त करता है। इसी मुबारक माह में अल्लाह ने अपने प्यारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर कुरान नाजिल किया। रमजान के महीने में अल्लाह शैतान को कैद कर देता है। हुजूर ने फरमाया कि यह ऐसा महीना है, जिसका पहला हिस्सा अल्लाह की रहमत है। दूसरा हिस्सा मगफिरत का है और आखिरी हिस्सा जहन्नुम की आग से छुटकारे का है। आपने फरमाया की रमजान के आखिरी अशरे की ताक रातों में लैलतुल कद्र की तलाश करो। लैलतुल कद्र को शबे-कद्र भी कहा जाता है। शबे-कद्र के बारे में कुरान में आता है कि यह हजार रातों से बेहतर है, यानि इस रात में इबादत करने का सवाब एक हजार रातों की इबादत के बराबर है। मुसलमान रमजान की 21, 23, 25, 27 और 29 तारीख को पूरी रात इबादत करें और शब-कद्र को तलाश करें। कुरान की तिलावत करें। रो रो कर खुदा से अपने गुनाहों की दुआ मांगे, क्योंकि इस माह में दुआएं कुबूल होती है।