विकास कार्यो में जेब से पैसा लगा रहे ग्राम प्रधान

जिले की सभी ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय पंचायत भवन और सार्वजनिक शौचालय निर्माण कराया जाना जरूरी है। अधिकतर ग्राम पंचायतों में यह कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कुछ जगह अब भी काम चल रहा है। प्रधान इस कार्य को पूर्ण कराने में आर्थिक तंगी का भी सामना कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 12:17 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 12:17 AM (IST)
विकास कार्यो में जेब से पैसा लगा रहे ग्राम प्रधान
विकास कार्यो में जेब से पैसा लगा रहे ग्राम प्रधान

रामपुर, जेएनएन: निर्माण सामग्री की सरकारी दरों और बाजार मूल्यों में अंतर से ग्राम प्रधान परेशान हैं। विकास कार्यों में उन्हें अपनी जेब से पैसा लगाना पड़ रहा है। अब प्रधान दरें पुनर्निर्धारित कराने के लिए आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से भी मदद की गुहार लगाई है।

जिले की सभी ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय पंचायत भवन और सार्वजनिक शौचालय निर्माण कराया जाना जरूरी है। अधिकतर ग्राम पंचायतों में यह कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कुछ जगह अब भी काम चल रहा है। प्रधान इस कार्य को पूर्ण कराने में आर्थिक तंगी का भी सामना कर रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि एस्टिमेट में सामग्री की दरें कम हैं। बहुउद्देशीय पंचायत भवन और सार्वजनिक शौचालय निर्माण कार्यों के एस्टिमेट में सरिया की दर 4200 रुपये प्रति क्विटल है। इसमें जीएसटी अलग से है। जबकि, मार्केट में सरिया की कीमत 5500 रुपये क्विटल है। खिड़की-दरवाजों के लोहे का रेट 4250 रुपये है, लेकिन बाजार में यह दरें दोगुनी यानी 8500 रुपये हैं। सीमेंट का बैग भी सरकारी दरों से पचास रुपये प्रति बैग अधिक दाम पर मिल रहा है। इसी तरह ईंट के दाम भी ज्यादा हैं। अपने लगा दिए 40 हजार

चमरौआ ब्लाक की ग्राम पंचायत मनकरा की प्रधान सना काशिफ द्वारा बहुउद्देशीय पंचायत भवन और सार्वजनिक शौचालय पूर्ण कराया जा चुका है। उनका कहना है कि एस्टिमेट में सरकारी खरीद की दरें कम होने के कारण चालीस हजार रुपये जेब से खर्च किए हैं। डीएम कराएंगे समाधान

ग्राम प्रधान संगठन के जिला महासचिव काशिफ खां ने कहा कि जिलाधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ को इस विषय में ग्राम प्रधान संगठन द्वारा अवगत कराया गया है। अब इसका कोई हल निकलने और सामग्री दरें एस्टिमेट में बढ़ाए जाने की उम्मीद है, ताकि आगे कराए जाने वाले निर्माण कार्यों में नुकसान से बचा जा सके। जिलाधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ का कहना है कि इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अफसरों से बात की जाएगी।

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