पंचायतों के आरक्षण पर दर्ज हुईं 80 आपत्ति
रामपुर पंचायतों के आरक्षण की सूची जारी होने के बाद गुरुवार से आपत्ति दाखिल करने की प्र
रामपुर : पंचायतों के आरक्षण की सूची जारी होने के बाद गुरुवार से आपत्ति दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। यह कार्य आठ मार्च तक चलेगा। पहले दिन 80 लोगों ने आपत्ति दाखिल कराई हैं।
सबसे ज्यादा 62 आपत्ति जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में दर्ज हुईं। इसके अलावा 18 आपत्ति ब्लाक कार्यों में दर्ज कराई गईं। किसान सेवा सहकारी समिति मीरापुर के चेयरमैन मुस्तफा हुसैन ने भी आपत्ति दाखिल की है। जिलाधिकारी को संबोधित आपत्ति में कहा है कि जिला पंचायत के वार्डों के आरक्षण में शासनादेशों की अनदेखी की गई है। जिला पंचायत के वार्ड 17 को वार्ड 16 घोषित कर अनुसूचित जाति के लिए आवंटित कर दिया है, जबकि 2015 में हुए चुनाव में यह वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था और 2010 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। पिछले चुनाव में भी इस वार्ड में वहीं गांव शामिल थे, जो अब हैं, सिर्फ वार्ड का नंबर 17 से 16 कर दिया गया है और वार्ड को आरक्षित कर दिया गया है। इससे सामान्य वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ है। शासनादेश के मुताबिक पहले अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित क्षेत्र को पुन: आरक्षित नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के पंचायती राज विभाग के सचिव को भी पत्र भेजा है, जिसमें पंचायत राज विभाग के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसी तरह पूर्व जिला पंचायत सदस्य इम्तियाज हुसैन चिटू ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। जिला पंचायत राज अधिकारी के समक्ष पेश की गई आपत्ति में कहा है कि जिला पंचायत के वार्ड 20 की क्रम संख्या बदलकर 19 कर दी है। पहले भी इस क्षेत्र में वही गांव शामिल थे, जो अब हैं। इस क्षेत्र को पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था और अब फिर इसे अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। स्वार में कोई आपत्ति नहीं आई
ग्राम पंचायतों की आरक्षण सूची ब्लाक कार्यालयों पर चस्पा होने के बाद प्रत्याशियों द्वारा कोई भी आपत्ति दर्ज नही की गई है। आरक्षण सूची जारी होने पर कुछ प्रत्याशियों के चेहरे लटके हैं तो कुछ में खुशी की लहर है।
सूची जारी होने के बाद प्रत्याशियों ने चौपालें लगना शुरु कर दी हैं। वोटरों को लुभाना भी शुरु कर दिया है। गांव में सीटें आरक्षित होने के कारण प्रत्याशी मन मार के रह जाते थे। इस बार गांव की पंचायतों में आरक्षण उलट फेर हो जाने के कारण संभावित प्रत्याशी खुश हैं और जहां नही हुई हैं वहां के प्रत्याशियों में मायूसी छाई है। गुरुवार को आरक्षण में अपत्ति दर्ज कराने के लिए कोई भी प्रत्याशी नही पहुंचा। जबकि ब्लाक कार्यालय में प्रत्याशी चुनाव की सुगबुगाहट करते दिखाई दिए। एडीओ पंचायत वेद प्रकाश शर्मा ने बताया की पहले दिन किसी ने कोई अपत्ति दर्ज नही कराई है। आरक्षण ने बिगाड़ दिया नेताओं का सियासी खेल
पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं का आरक्षण ने सियासी खेल बिगाड़ दिया है। जिला पंचायत का एक वार्ड कम हो जाने से ऐसे कई वार्डों का इलाका फिर आरक्षण के दायरे में आ गया है, जो पिछली बार भी आरक्षित था। दरअसल इन वार्डों का नंबर बदल गया है, जबकि इनमें शामिल गांव वहीं हैं। इससे उन नेताओं को झटका लगा है, जो काफी समय से पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे थे. इन्हे उम्मीद थी कि इस बार उनका वार्ड आरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य इम्तियाज हुसैन चिटू चमरौआ क्षेत्र से सदस्य बनते रहे हैं। दो बार वह खुद बने। महिला के लिए आरक्षित होने पर अपनी मां को चुनाव लड़ाया और जीत गईं। पिछली बार उनका वार्ड अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया तब अपने एक मित्र की पत्नी को चुनाव लड़ा दिया, जो जीत गईं। इस बार उम्मीद थी कि वार्ड अनारक्षित रहेगा और खुद चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए जोर शोर से तैयारी भी शुरू कर दी थीं, लेकिन अब फिर उनका वार्ड अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इसी तरह पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र मुस्तफा हुसैन भी सैदनगर ब्लाक में पड़ने वाले जिला पंचायत के वार्ड 17 से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। पिछली बार भी इसी क्षेत्र से लड़े थे, लेकिन इस बार उनका वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया। ऐसे में उनकी भी चुनाव लड़ने की उम्मीद पर पानी फिर गया। हालांकि उन्होने आपत्ति दर्ज करा दी है।
जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि शासन ने इस बार वार्ड के क्षेत्र को नहीं, बल्कि क्रमांक को ही आरक्षण तय करने का आधार बनाया है। किसी तरह की मनमानी नहीं की गई है। पहले दिन 80 आपत्ति दाखिल हुई हैं।