उपले पाथने के काम आ रहे हैं सरकारी भवन
मुरादाबाद : विभागीय उदासीनता के चलते गांवों में बने सरकारी भवन खंडहर बनकर रह गए हैं। इनका उपयोग ग्रामीण उपले पाथने के लिए कर रहे हैं।
मुरादाबाद : विभागीय उदासीनता के चलते गांवों में बने सरकारी भवन खंडहर बनकर रह गए हैं। इनका उपयोग ग्रामीण उपले पाथने के लिए कर रहे हैं। इनकी सुध लेने वाला नहीं है।
रामपुर जिले में थाना अजीमनगर क्षेत्र के दौंकपुरी-टांडा गांव में एक साथ कई भवन बने हैं। वर्ष 2010-11 में तत्कालीन प्रधान मुरारी लाल लोधी ने अपने प्रयासों से गांव में पंचायत घर बनवाया। इसे बनाने में लाखों रुपये खर्च हुए। बनने के बाद से आज तक यह मिनी सचिवालय बंद पड़ा है। इसी से सटा हुआ उप स्वास्थ्य केंद्र है। इसका उपयोग ग्रामीण उपले पाथने के लिए कर रहे हैं। हालांकि वर्षों तक इसमें एक परिवार का कब्जा रहा। अब वह नहीं रहता तो महिलाएं इसके आंगन और दीवारों पर उपले पाथ रही हैं। इसी भवन के निकट दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो कूड़े के ढेर बन कर रह गए हैं। इसमें भी केंद्र संचालित होने के बजाए कुछ और ही हो रहा है। एक ग्रामीण ने बताया कि यह बकरी निवास बना दिया गया है। रातभर बकरी रहती हैं। सुबह होते ही यहां से निकाल दी जाती हैं। यह तब है जब कि जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह ने गांवों की सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत और रख-रखाव करने के आदेश छह माह पूर्व अधीनस्थों के साथ ही ग्राम प्रधानों को दिए थे। डीएम के आदेश को भी अधीनस्थों ने हवा में उड़ा दिया। देखरेख के अभाव में ये सभी भवन खंडहर बनकर रह गए हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्राम प्रधान मोहम्मद फारुख का कहना है कि भवनों की मरम्मत कराने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।