मोमिन बंदा खुदा के जिक्र से कभी गाफिल नहीं होता : फैजान

मोमिन बंदा खुदा के जिक्र से कभी गाफिल नहीं होता फैजान

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 10:38 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 10:38 PM (IST)
मोमिन बंदा खुदा के जिक्र से कभी गाफिल नहीं होता : फैजान
मोमिन बंदा खुदा के जिक्र से कभी गाफिल नहीं होता : फैजान

जागरण संवाददाता, रामपुर : काजी ए शरआ व जिला मुफ्ती सैयद फैजान मियां ने कहा एक मोमिन बंदा खुदा के जिक्र से कभी गाफिल नहीं होता।

रविवार को वह सैदनगर ब्लाक के परचई गांव स्थित इनाया मैरिज हाल के उद्घाटन के मौके पर मुनाकिद महफिल को खिताब फरमा रहे थे। उन्होंने कहा एक मोमिन की जिदगी में गम आए या खुशी, वह कभी अपने रब की याद से गाफिल नहीं होता़, बल्कि हरहाल में अपने रब का शुक्र अदा करता है। कहा कि अल्लाह की रहमत से मायूस नहीं होना चाहिए, क्योंकि कब उसकी रहमत आ जाए, कहा नहीं जा सकता। जब भी अल्लाह की नेमत मिले तो उसका शुक्र अदा करो।

उन्होंने महफिल में मौजूद लोगों से कहा कि हर उस चीज से बचो जो तुम्हें गुनाह के करीब ले जाती है। जिना से बचो, अपने घर की औरतों को बेपर्दगी से बचाओ। शहर काजी ने आगे कहा कि अल्लाह अपने बंदों पर कितना मेहरबान है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब कोई मोमिन नेकी का इरादा करता है तो उसके नामा-ए-एमाल में दस नेकी लिख दी जाती हैं और बुराई का इरादा करता है तो सिर्फ एक ही बदी लिखी जाती है।

इस मौके पर उन्होंने लोगों से अल्लाह और उसके रसूल के बताए तरीके पर जिदगी गुजारने की ताकीद की। सुभान अली, नाजिल रजा, हनीफ हाजी, डॉ. महमूद, हाजी रईस, इरफान अली, मुराद अली, आबिद हाजी, गामा, डा. मुख्तार अली, फजले अहमद, जलील ठेकेदार, हाफिज मोहम्मद मुस्तफा, मोहम्मद उमर, हाफिज शाहिद आदि रहे।

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