विधिक शिविर में ग्रामीणों को समझाया मानवाधिकार का महत्व

विधिक शिविर में ग्रामीणों को समझाया मानवाधिकार का महत्व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 11:48 PM (IST)
विधिक शिविर में ग्रामीणों को समझाया मानवाधिकार का महत्व
विधिक शिविर में ग्रामीणों को समझाया मानवाधिकार का महत्व

रामपुर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से स्वार के मधुपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में न्यायिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को मानवाधिकार का महत्व बताया। कानून की जानकारियां भी दीं।

अपर सिविल जज (अवर वर्ग) रूपाली सिंह ने कहा कि मानव को जो अधिकार दिए गए हैं, वे हमें संविधान से मिले हैं। संविधान में समानता का अधिकार दिया है। हमें अपनी बात कहने का अधिकार है। सबसे अधिक महत्वपूर्ण अधिकार न्याय का अधिकार मिला है। किसी भी व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है। इसी पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्य कर रहा है। अनपढ़ गरीब, असहाय, महिला या बच्चे कोई भी न्यायिक प्रक्रिया में विधिक सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकता है।

शिविर की अध्यक्षता कर रहीं सिविल जज (प्रवर वर्ग) एवं प्राधिकरण की सचिव स्वेता चौधरी ने लोक अदालत के बारें में जानकारी दी। बताया कि लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित वादों की कोई अपील नही होती हैं और न्याय शुल्क भी वापस मिल जाता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट बिदिया भटनागर ने सुलह-समझौते से वादों के निस्तारण पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं पर बढ़ते उत्पीड़न और अत्याचार को रोकने के लिए दहेज एक्ट, घरेलू हिसा से संरक्षण अधिनियम, पाक्सो एक्ट जैसे कानूनों के बारे में जानकारी दी। शिविर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव कुमार और नायब तहसीलदार राजेश शर्मा ने भी कानून की जानकारियां दीं। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी प्रताप सिंह, सत्यवीर मौर्य आदि मौजूद रहे।

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