कोरोना का ग्रहण, बंद रहे प्रमुख शिवालयों के कपाट

सावन के दूसरे सोमवार को शहर के प्रमुख शिवालयों के कपाट कोरोना की वजह से बंद रहे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 12:35 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 12:35 AM (IST)
कोरोना का ग्रहण, बंद रहे प्रमुख शिवालयों के कपाट
कोरोना का ग्रहण, बंद रहे प्रमुख शिवालयों के कपाट

जागरण संवाददाता, रामपुर : सावन के दूसरे सोमवार को शहर के प्रमुख शिवालयों में सन्नाटा छाया रहा। मंदिरों के पुजारियों के द्वारा ही सुबह चार बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे। ऐसे में कुछ श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो मंदिर के बाहर ही जल चढ़ाकर वापस लौट गए। मंदिरों में हर साल की तरह न त भंडारे हुए और न ही पूजन सामग्री की दुकानें सजीं। इसके अलावा मंदिरों के आसपास इस बार मेले भी नहीं लगे।

भमरौआ स्थित श्री पातालेश्वर माहदेव शिव मंदिर, पंजाबनगर स्थित ओम नागेश्वर महादेव शिव मंदिर, रठौंडा स्थित बामेश्वर महादेव शिव मंदिर में शिवलिग पर जलाभिषेक करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में कांवड़िये और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी। इन मंदिरों में हर साल उमड़ने वाले श्रद्धालुओं के जनसैलाब को देखते हुए कोरोना के मद्देनजर मंदिर समिति ने प्रशासन के निर्देशानुसार इन मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है। मंदिरों के आसपास पुलिस फोर्स तैनात रही।

---------------- सावन के पहले सोमवार को उपवास रखकर लोगों ने घरों में की पूजा-अर्चना रामपुर : कोरोना महामारी के चलते शहर के प्रमुख शिवालय बंद हैं। ऐसे में अधिकतर श्रद्धालुओं ने सावन के दूसरे सोमवार को उपवास रखकर अपने-अपने घरों में ही पूजा-अर्चना की। इसके अलावा कुछ मुहल्लों में मंदिर खुले। उनमें मुहल्ले के लोगों ने मास्क लगाकर, शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की। -------------------- मंदिर में दूसरे सोमवार को भी पसरा रहा सन्नाटा मिलक : सावन के दूसरे सोमवार को भी नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में सन्नाटा पसरा रहा। श्रद्धालु तो मंदिर पहुंचे, लेकिन कपाट बंद देख निराशा से वापस घर लौट गए। श्रद्धा और भक्ति के चलते कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिरों के बंद दरबाजे पर ही जलाभिषेक किया।

क्षेत्र के रठोंडा स्थित एतिहासिक श्री बामेश्वर महादेव शिव मंदिर पर सावन के माह में प्रत्येक सोमवार को हजारों की संख्या में कावंड़िये आते थे। मंदिर परिसर के पास मेला लगता था। मैदान पर बनी पक्की दुकानों में दुकानदार अपनी दुकानों को सजाते थे। हजारों की संख्या में कांवड़िये और श्रद्धालुओं के आने से भक्तिमय वातावरण रहता था। आज यहां पर सन्नाटा छाया हुआ है। मंदिर के सेवादार शिवओम शर्मा ने बताया कि मंदिर के हजारों वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली वार हुआ है कि, श्रवण मास में कपाट बंद रखने पड़े है। देश व दुनिया में इससे पूर्व कई गंभीर महामारियां आईं लेकिन कभी मंदिर को बंद करना नहीं पड़ा। शिव के प्रिय सावन माह में मंदिर के कपाट बंद रखने से शिव भक्तों को पीड़ा हो रही है। लेकिन मानव जीवन के कल्याण हेतु और इस महामारी को देखते हुए मंदिर को बंद रखने का निर्णय एक सही कदम हैं।

शाहबाद : सावन के दूसरे सोमवार को भी क्षेत्र के सभी मंदिर बंद रहे। इस दौरान मंदिरों पर पुलिस फोर्स तैनात रही। नगर के लक्खी बाग स्थित शिव मंदिर पर लोगों को आने जाने की इजाजत नहीं दी गई। इस दौरान नगर पंचायत की टीम ने ईओ प्रेम चन्द्र बिद के नेतृत्व में मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया।

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