नहीं सुनती सरकार, पांच सालों से बैगुल पर बना रहे बांध

बरेली जिले की सीमा पर बह रही बैगुल नदी पर बांध न होने से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। समस्या के समाधान के लिए शासन और प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन बात नहीं बनी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:53 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:53 PM (IST)
नहीं सुनती सरकार, पांच सालों से बैगुल पर बना रहे बांध
नहीं सुनती सरकार, पांच सालों से बैगुल पर बना रहे बांध

जेएनएन, बिलासपुर (रामपुर): बरेली जिले की सीमा पर बह रही बैगुल नदी पर बांध न होने से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। समस्या के समाधान के लिए शासन और प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन बात नहीं बनी। जिस कारण पिछले पांच सालों से गांव वाले श्रमदान कर नदी पर कच्चा बांध बना रहे। इस साल भी ऐसा ही हो रहा है। तीन सप्ताह से जुटे ग्रामीण बांध निर्माण लगभग पूरा कर चुके हैं, जिसमें सैकड़ों लोग उनकी मदद को आगे आएं हैं।

नदी पर इस साल 10 नवंबर से बांध निर्माण कार्य शुरू किया गया, जिस पर अब तक आठ लाख रुपये का खर्चा आ गया है। करीब दो लाख रुपये का खर्चा और आएगा। यह खर्च तो ट्रैक्टर में तेल आदि का है। रोज लोग सैकड़ों लोग काम में लग रहे हैं, उनकी मेहनत अलग है। यह काम किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार के नेतृत्व में चल रहा है। खजुरिया और बरेली जिले की सीमा स्थित बैगुल नदी पर लोग चंदा एकत्र कर काम करा रहे हैं। बरेली के डीएम भी मौके पर पहुंचकर बांध के कार्य का जायजा ले चुके हैं। किसान नेता बलवीर सिंह गंगवार ने बताया कि बरसात में बाढ़ आने पर कच्चा बांध कट जाता है। इससे किसानों और ग्रामीणों को श्रमदान के माध्यम से हर बार नया बांध बनाना पड़ता है। यह बांध वर्ष 2016 से लगातार बनाया जा रहा। क्षेत्रीय लोग कई वर्षों से वहां पक्का बांध बनवाए जाने की मांग कर रहें हैं, ताकि किसानों को सिचाई के लिए हर बार नया बांध न बनाना पड़े। लेकिन, चुनाव नजदीक आने पर नेता बड़े-बड़े वायदे करके चले जाते हैं। चुनाव के बाद भी स्थिति यथावत बनी रहती है। उन्होंने कहा आगामी विधानसभा चुनावों में वह इस समस्या को प्रमुखता के साथ उठाएंगे। समिति के पदाधिकारियों के अलावा किसानों ने बांध के आस-पास पौधारोपण भी किया है।

बांध से इन गांवों को मिलता है लाभ

निर्माण कार्य पूरा होने के बाद क्षेत्र के 20 गांवों को फसलों की सिचाई में लाभ मिलेगा। क्षेत्र के गांव दल्की, रंपुरा बुजुर्ग, केशगढ़, धावनी बुजुर्ग, कंचनपुर, पनवड़िया, औरंगनगरखेड़ा, पिपलिया विजयनगर, रसूलपुर, करसौला, खेड़ा, खजुरिया खुर्द, कनकपुर, कनकटा, ईश्वरपुर, मजरा गौटिया आदि गांवों इसमें शामिल हैं।

वर्जन

पक्का बांध बनाने के लिए कई बार अधिकारियों तथा मंत्रियों से मांग कर चुके हैं। आश्वासन के सिवा आज तक कुछ नहीं मिला। मजबूरन किसानों को श्रमदान कर कच्चा बांध हर साल बनाना पड़ता है। अधिकारियों तथा सरकार को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। जयदीप सिंह बरार, अध्यक्ष किसान कल्याण समिति।

सरकार की अनदेखी के कारण किसान श्रमदान कर बैगुल नदी पर हर साल कच्चा बांध बनाना पड़ता है। अधिकारियों और सरकार को किसानों की समस्याओं को देखते हुए जल्द पक्के बांध का निर्माण कराना चाहिए।

बलवीर सिंह गंगवार।

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नाबार्ड से बांध के लिए पैसा स्वीकृत होने के बावजूद पक्के बांध का निर्माण नहीं किया जा रहा है। इससे यह साबित होता है, कि सरकार और अधिकारी किसानों की समस्या के प्रति कितने गंभीर हैं।

कोमिल प्रसाद।

---------------------------- बैगुल नदी पर कच्चा बांध क्षेत्रीय ग्रामीणों से चंदा लेकर बनाया जा रहा है। बांध बनने के बाद क्षेत्रीय किसानों के अलावा बरेली जिले तक के किसानों को लाभ मिलेगा।

राममूर्ति।

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बांध से एक तो क्षेत्र का वाटर लेवल अच्छा रहेगा। इसके अलावा किसानों को फसलों की सिचाई में लाभ होगा। यह सब क्षेत्र के लोगों की मेहनत का नतीजा है।

गोविद राम। किसान कई बार अधिकारियों और सरकार में बैठे मंत्रियों से पक्के बांध का निर्माण कराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन, अभी तक किसानों को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।

ख्यालीराम।

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