हाईटेंशन लाइन न हटवाने पर ताजिये वापस लौटाए

टांडा : 132 केवीए की हाईटेंशन लाइन ताजिये की राह में रोड़ा बन गई। ताजियेदार लाइन हट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 10:32 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 10:32 PM (IST)
हाईटेंशन लाइन न हटवाने पर ताजिये वापस लौटाए
हाईटेंशन लाइन न हटवाने पर ताजिये वापस लौटाए

टांडा : 132 केवीए की हाईटेंशन लाइन ताजिये की राह में रोड़ा बन गई। ताजियेदार लाइन हटाने की जिद पर अड़ थे, जबकि प्रशासन मजबूरी बताते हुए मना कर रहा था। ताजियेदार और प्रशासन के बीच दो दिन तक चली खींचतान के बाद आखिरकार ताजियेदार कर्बला के बजाय ताजिये लेकर वापस गांव लौट गए। उन्होंने प्रशासन के इस रवैये पर काफी नाराजगी जताई है। गांव धनुपुरा, लांबाखेड़ा, टोड़ीपुरा, मिलक हाफिज बल्ली, मंडवा हसनपुर आदि गांव के ताजिये शहपुरा गांव जाते हैं। यहां कर्बला स्थल है। शहपुरा का ताजिया भी यहीं जाता है। गांव में काफी बड़ा मेला भी लगता है। गांव लांबाखेड़ा, टोढ़ीपुरा, मंडवा हसनपुर आदि गांव के ताजिये शुक्रवार दोपहर बाद गांव शहपुरा के पास पहुंचे। गांव धनुपुरा से भी ताजिया शहपुरा के लिए चला, लेकिन रास्ते में 132 केवीए की लाइन ने ताजिये का रास्ता रोक दिया। यह लाइन रामपुर से होकर ठाकुरद्वारा मुरादाबाद को जाती है। लाइन पिछले साल ताजिये निकलने के बाद डाली गई थी। ताजियेदारों का कहना था कि धनुपुरा के ताजिये का परंपरागत यही रास्ता है। इसी से होकर प्रतिवर्ष ताजिये शहपुरा कर्बला स्थल जाता है। ताजियेदार लाइन हटाकर इसी रास्ते से ताजिये निकालने की जिद पर अड़ गए। कई गांव के ताजियेदारों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसडीएम एमएस पुंडीर, सीओ राहुल कुमार और कोतवाली प्रभारी जीत ¨सह मौके पर पहुंच गए। तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दी गई। ताजियेदारों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। ताजियेदार इसी बात पर अड़े थे कि लाइन हटने पर ही ताजिया निकलेगा। शनिवार को भी ताजियेदारों को समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने लाइन हटाने से साफ मना कर दिया। इस पर ताजियेदारों में आक्रोश फैल गया। लोगों की भीड़ चौराहे पर जमा होने लगी। भीड़ देख पुलिस अलर्ट हो गई और अनावश्यक रूप से भीड़ लगा रहे लोगों को वहां से भगा दिया। बात न बनते देख शनिवार शाम ताजियेदार ताजिये लेकर वापस गांव लौट गए। टांडा कोतवाली प्रभारी जीत ¨सह ने बताया कि 132 केवीए की लाइन को हटाना संभव नहीं था। ग्रामीणों ने लिखित में दिया है कि वह ताजिये अपनी मर्जी से वापस ले जा रहे हैं। उधर, ताजियेदारों का कहना था कि प्रशासन की मनमानी के चलते पहली बार ताजिये कर्बला जाने के बजाय वापस ले जाने पड़ रहे हैं। प्रधान मुरशद पाशा का कहना है कि ताजिये इमामबाड़ा में रखवा दिए हैं। प्रशासन की इस मनमानी से ग्रामीणों में बेहद आक्रोश है। उन्होंने तय किया है कि भविष्य में वे ताजिये नहीं बनाएंगे।

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