खजाने की चाहत में गैस कटर से खोला नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम, अंदर देखते ही टीम चौंकी

स्ट्रांग रूम को बनाने के लिए लंदन की चब कंपनी के इंजीनियर रामपुर आए थे। इसमें जर्मनी की उस स्टील का इस्तेमाल किया गया जिससे फौज के टैंक बनाए जाते हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 07 Mar 2020 02:09 PM (IST) Updated:Sat, 07 Mar 2020 02:09 PM (IST)
खजाने की चाहत में गैस कटर से खोला नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम, अंदर देखते ही टीम चौंकी
खजाने की चाहत में गैस कटर से खोला नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम, अंदर देखते ही टीम चौंकी

रामपुर,जेएनएन। नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम गैस कटर से ही खुल सका। टीम ने स्ट्रांग रूम को देखा तो खजाना खाली था। इसको लेकर सभी चकित थे।

उप्र के रामपुर स्थित नवाब मिक्की मियां खानदान के स्ट्रांग रूम में बाहरी दीवार में चार गुणे सात फीट का दरवाजा है लेकिन, उसकी चाबी गुम हो जाने से इसे खोलने के लिए काटा जा रहा था। पिछले माह कटर से जब दरवाजा काटा तो लॉकर का दरवाजा तो दिखा था लेकिन, चाबी गुम हो जाने से उसे भी काटना पड़ा। नवाब खानदान की कोठी खासबाग का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सर्वे हो रहा है। इसी कोठी में नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम है, जिसमें शाही खजाना रहता है। पूर्व मंत्री काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने बताया कि मामला संदिग्ध है। बेशकीमती जेवरात, ताज भी नहीं मिला है। यहां 1980 में चोरी भी हुई थी। उसके बाद से यह स्ट्रांग रूम बंद था। 

बेहद मजबूत स्टील से है बना

नवाब खानदान की बहू नूरबानो के मुताबिक 1930 में उनके ससुर नवाब रजा अली खां के पिता नवाब हामिद अली खां ने कोठी खासबाग का निर्माण कराया था, तभी स्ट्रांग रूम बना था। 

स्ट्रांग रूम पर बम गिरने का भी नहीं होगा असर

नूरबानो का दावा है कि स्ट्रांग रूम पर यदि बम बरसाए जाएं, तब भी इस पर कोई असर नहीं होगा। इस दीवार में 16-16 एमएम धातु की तीन परत है। स्ट्रांग रूम के नहीं कटने पर काम रोक दिया गया था और काटने के दौरान मिले मिश्रण एवं लोहे के महीन टुकड़ों को जांच के लिए गुरुग्राम भेजा है ताकि पता चल सके कि इसमें कौन--कौन सी धातु मिली हैं।

कोठी खासबाग की खासियत

रामपुर में खासबाग 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, इसी में कोठी खासबाग बनी है।

आलीशान कोठी को इस तरह बनाया गया कि भीषषण गर्मी में भी पूरी तरह ठंडी रहे, आसपास तापमान भी पांच डिग्री कम रहता है।

कोठी में ढाई सौ कमरे और सिनेमा हाल सहित कई बड़े हाल हैं।

कोसी नदी किनारे बनी इस कोठी के चारों ओर बाग हैं, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ लगे हैं।

कोठी यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी है। यहां के बड़े-बड़े हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए हैं।

कोठी में नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल व संगीत हाल भी बनाया गया। सेंट्रल हाल में बेशकीमती पेंटिंग लगी हैं।

कोठी के मुख्य द्वार पर गुंबद बने हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं।

इसकी सीढिय़ां इटेलियन संगमरमर से बनी हैं। 

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