आश्रय स्थलों से भी बेसहारा पशुओं को नहीं मिला सहारा

रामपुर प्रदेश सरकार ने बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनवाए हैं। ग्राम किरा में भी आश्रय स्थल बन चुका है। इसके बाद भी क्षेत्र में बड़ी संख्या में पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 10:57 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 10:57 PM (IST)
आश्रय स्थलों से भी बेसहारा पशुओं को नहीं मिला सहारा
आश्रय स्थलों से भी बेसहारा पशुओं को नहीं मिला सहारा

रामपुर: प्रदेश सरकार ने बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनवाए हैं। ग्राम किरा में भी आश्रय स्थल बन चुका है। इसके बाद भी क्षेत्र में बड़ी संख्या में पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर जगह-जगह गो आश्रय स्थल बनाकर बेसहारा पशुओं को रहने, खाने का इंतजाम कर रही है। लेकिन, नगर क्षेत्र में इसका कोई फायदा दिखाई नहीं दे रहा है। क्षेत्र में आश्रय स्थल बने होने के बावजूद दर्जनों पशु सड़कों पर रह रहे हैं। ऐसी स्थिति में कई बार घटनाएं भी घट चुकी हैं। क्षेत्र में बेसहारा गो वंशीय पशुओं के कई झुंड है। यह हर मौसम में सड़को पर ही मिलते हैं। खाने के लिए यह झुंड ग्रामीण छेत्र के जंगल एवं नगर से लगे जिस खेत में घुस जाते हैं उसमें खेत स्वामी को काफी नुकसान होता है। ऐसे में लोग खेतो की सुरक्षा के लिए या तो खुद रखवाली कर रहे हैं या फिर खेत के चारों ओर कटीले तार लगाकर सुरक्षा कर रहे हैं। यह तार इतने खतरनाक होते हैं कि खेत में घुसने की कोशिश मात्र से ही पशु को गंभीर रूप से घायल कर देते हैं। पिछले दिनों भी ऐसे ही घायल एक गो वंशीय पशु का पुलिस एवं हिदू संगठन के लोगो ने उपचार कराया था। क्षेत्र में बेसहारा पशु 24 घंटे नगर के मुख्य चौराहों जैसे नगर का बिलारी चौराहा, रामपुर चौराहा, चंदौसी तिराहा पर झुंड बनाकर बैठे रहते हैं। यहां से पूरे दिन अधिकारियों की गाड़ियां भी निकलती है, लेकिन अधिकारियों को ये बेसहारा पशु दिखाई ही नहीं पड़ते हैं। रात हो या दिन पशुओं की वजह से दुर्घटनाएं होती रहती है। वही नगर की बात करे तो यहां भी कुछ लोग अपने आश्रित पशुओं को पूरे दिन खुला छोड़ देते हैं। कई बार अधिकारियों ने इसको लेकर एनाउंसमेंट कराकर कार्रवाई की चेतावनी तो दी, लेकिन कार्रवाई नहीं की। इसी कारण पहले की तरह ही अब भी आश्रित पशु भी नगर की गलियों में घूमते रहते हैं। क्षेत्र के ग्राम किरा एवं घारमपुर में दो बड़े गो आश्रय स्थल बने हुए हैं। गांव किरा में पिछले दिनों जिलाधिकारी ने निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए थे। जिला पशु चिकित्साधिकारी डा.आरपी माहोर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी एवं नगर क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी की जिम्मेदारी बनती है कि ये लोग बेसहारा पशुओं को नजदीकी गो आश्रय स्थल पर पंहुचाएं। वहां पर हमारी टीम उनके खाने, पीने एवं स्वास्थ्य का प्रतिदिन ख्याल रखती है। वर्तमान में ग्राम किरा मे 424 एवं घारमपुर के आश्रय स्थल में 64 पशु है।

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