अदालत की अवमानना पर शहजादनगर थाना प्रभारी पर मुकदमा
रामपुर जानलेवा हमले के 11 साल पुराने मामले से संबंधित माल पुलिस की लापरवाही से कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। अदालत ने कई बार इसके लिए शहजादनगर पुलिस को आदेश दिए। आखिरकार अदालत को सख्त रुख अपनाना पड़ा। अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए शहजादनगर थाना प्रभारी के खिलाफ अवमानना का वाद दायर करते हुए तलब कर लिया है।
रामपुर : जानलेवा हमले के 11 साल पुराने मामले से संबंधित माल पुलिस की लापरवाही से कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। अदालत ने कई बार इसके लिए शहजादनगर पुलिस को आदेश दिए। आखिरकार अदालत को सख्त रुख अपनाना पड़ा। अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए शहजादनगर थाना प्रभारी के खिलाफ अवमानना का वाद दायर करते हुए तलब कर लिया है। अदालत अब 15 दिसंबर को वाद पर सुनवाई करेगी। वर्ष 2010 में शहजादनगर थाने में महावीर की ओर से वीरपाल आदि के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट मोहम्मद रफी के न्यायालय में विचाराधीन है। नौ अगस्त 2021 से वादी और माल मुकदमा को अदालत में तलब किया जा रहा है। वादी तो तारीखों पर आ रहे हैं, लेकिन पुलिस माल मुकदमा पेश नहीं कर रही। इस संबंध में अदालत ने शहजादनगर थाना प्रभारी को भी आदेशित किया है। मंगलवार को भी तारीख थी, लेकिन पुलिस ने माल कोर्ट में पेश नहीं किया। थाना प्रभारी की ओर से हेड मोहर्रिर द्वारा यह रिपोर्ट दिलवाई गई कि माल मुकदमा का चार्ज उसे नहीं मिला है। इस कारण माल पेश किया जाना संभव नहीं है। सहायक शासकीय अधिवक्ता राम औतार सैनी ने बताया कि पुलिस द्वारा माल पेश किए जाने में असमर्थता जताई गई जबकि इस मामले में साक्षी सेवानिवृत महावीर सिंह कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने माना कि थाना प्रभारी निरीक्षक द्वारा जान बूझकर अदालत में माल को प्रस्तुत नहीं किया जा रहा। कोर्ट ने थाना प्रभारी के खिलाफ दंड प्रक्रिया की धारा 349 के तहत वाद दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी को तलब करते हुए सुनवाई के लिए 15 दिसंबर नियत की है। शहजादनगर में थाना प्रभारी प्रदीप मलिक हैं।