कोरोना काल में काम आया महिला का स्वरोजगार

रामपुर शालू गुप्ता महिला सशक्तीकरण की जीती जागती मिसाल हैं। उनके स्वरोजगार की बदौलत कोरोना काल में उनके घर की गाड़ी बेहतर ढंग से चलती रही। आर्थिक संकट आड़े नहीं आया। निजी स्वरोजगार से दूसरों के लिए भी सहारा बनीं रहीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 12:07 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 12:07 AM (IST)
कोरोना काल में काम आया महिला का स्वरोजगार
कोरोना काल में काम आया महिला का स्वरोजगार

रामपुर : शालू गुप्ता महिला सशक्तीकरण की जीती जागती मिसाल हैं। उनके स्वरोजगार की बदौलत कोरोना काल में उनके घर की गाड़ी बेहतर ढंग से चलती रही। आर्थिक संकट आड़े नहीं आया। निजी स्वरोजगार से दूसरों के लिए भी सहारा बनीं रहीं।

ज्वाला नगर क्षेत्र की रहने वालीं शालू गुप्ता के पति शैलेंद्र गुप्ता जनरल मर्चेंट की दुकान करते हैं। कुछ अर्सा पहले तक वह सिर्फ एक घरेलू महिला थी। उनकी नंद रीता गुप्ता सेंट पाल स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया था। उनकी बात सुनकर उनके मन में भी कुछ कारोबार करने का विचार पनपा। सो पहले एक स्वयं सेवी संगठन से चश्मे से जुड़ा प्रशिक्षण लिया व दुकान खोलने का निर्णय लिया। पति व अन्य ससुरालियों ने भी सहयोग किया। चूंकि चश्मे की आवश्यकता आज हर कोई महसूस करता है। किसी को नजर के लिए तो किसी को धूप व धूल से आंखों की हिफाजत के लिए चश्मे की जरूरत पड़ती है। फैशन के तौर पर भी इसका प्रयोग खूब होता है। लिहाजा चश्मे के लिए उन्होंने जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र में संपर्क साधा। यहां उन्हें स्वरोजगार के लिए संचालित योजनाओं के बारे में बताया। विभाग की मदद से उन्हें बैंक से वर्ष 2019 में पांच लाख रुपये का ऋण प्राप्त हो गया। इस सहायता से उन्होंने ज्वाला नगर की साईं बिहार क्षेत्र में चश्मे की दुकान आरंभ कर दी। उनकी मेहनत रंग लाई। दुकान खूब चल पड़ी। चश्मों की टेस्टिग, रिपेयरिग इत्यादि का कार्य अच्छा आने पर उन्होंने दुकान संचालन में सहायता के लिए एक महिला हेल्पर को रख लिया। वहीं दो-तीन अन्य स्टाफ भी बढ़ा लिया। लाकडाउन होने पर उनका यह काम चलता रहा। जिसकी बदौलत न सिर्फ उनके घर परिवार की गाड़ी बखूबी चलती रही बल्कि उनके साथ काम करने वाले स्टाफ को भी आर्थिक तौर पर किसी तरह की कोई खास दिक्कत महसूस नहीं हुई। शालू गुप्ता अपने इस स्वरोजगार को लेकर खुश हैं। वह प्रेरित करने वाले लोगों का आभार व्यक्ति करतीं हैं। साथ ही घर में रहकर काम-काज संभालने वाली महिलाओं को भी किसी न किसी तरह के स्वरोजगार से जुड़ने की प्रेरणा देतीं हैं। जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र के सहायक प्रबंधक पुष्पराज सिंह ने बताया कि सरकार की योजनाओं का बेहतर लाभ उठाने वालों में से एक शालू गुप्ता भी हैं, जो स्वरोजगार के द्वारा दूसरों को भी रोजगार देने का माध्यम बनीं हैं।

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