अखिलेश यादव का बड़ा एलान, जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए निकालेंगे साइकिल यात्राएं
Samajwadi Party Chief Azam Khan समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामपुर में कहा कि पूरी समाजवादी पार्टी आजम खां और उनके परिवार के साथ हो रही ज्यादती के खिलाफ उनके साथ है। आजम खां और उनके परिवार का उत्पीड़न किया जा रहा है।
रामपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले रामपुर में बड़ा एलान किया है। अखिलेश यादव ने आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट को मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्राएं निकालने का एलान किया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामपुर में कहा कि पूरी समाजवादी पार्टी आजम खां और उनके परिवार के साथ हो रही ज्यादती के खिलाफ उनके साथ है। उन्होंने कहा कि यह तो सब को दिख रहा हैकि आजम खां और उनके परिवार का उत्पीडऩ किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने विकास को विनाश के रूप में बदलने का काम किया है। भाजपा यहां की यूनिवर्सिटी को बर्बाद करना चाहती है। अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के बजट सत्र के बाद यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए पार्टी जगह-जगह साइकिल यात्रा निकालेगी।
आजम खां की पत्नी से मिले अखिलेश यादव: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर में सांसद आजम खां की पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तजीन फात्मा का हालचाल जाना। इस दौरान वह करीब एक घंटे तक उनके आवास पर रहे। सांसद आजम खां के साथ उनकी पत्नी करीब दस महीने सीतापुर जेल में बंद रहीं। एक महीने पहले जेल से रिहा होने के बाद रामपुर लौटींं। इस दौरान समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं आया। कांग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और मध्य प्रदेश के विधायक आरिफ मसूद बुधवार को उनसे मिलने रामपुर आए थे। उनका हालचाल जाना था। वह सीतापुर जेल में गिरने से भी चोटिल हो गई थीं। अब उनका हालचाल जानने सपा मुखिया शुक्रवार को रामपुर पहुंचे। अखिलेश यादव ने सांसद आजम खां के घर पहुंचकर उनकी पत्नी तजीन फात्मा से मुलाकात की। उनका हाल चाल जाना।
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में रामपुर में आजम खां और उनके समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। आजम खां के खिलाफ अभी भी 85 मुकदमे विचाराधीन हैं, जबकि तजीन फात्मा के खिलाफ 34 और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 42 मुकदमे विचाराधीन हैं। तीनों ने बीते वर्ष 26 फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तब कोर्ट ने तीनों को ही जेल भेज दिया। आजम खां और अब्दुल्ला अभी भी सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खां की चार और अब्दुल्ला की तीन मुकदमों में जमानत नहीं हो सकी है, जबकि तजीन फात्मा सभी मुुकदमों में जमानत मंजूर होने के बाद 21 दिसंबर 2020 को रिहा हो गईं थीं।