विश्व संगीत दिवस : रामपुर घराने का नाम रोशन कर रहे सखावत हुसैन

मुस्लेमीन रामपुर आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का राज था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:39 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:39 PM (IST)
विश्व संगीत दिवस : रामपुर घराने का नाम रोशन कर रहे सखावत हुसैन
विश्व संगीत दिवस : रामपुर घराने का नाम रोशन कर रहे सखावत हुसैन

मुस्लेमीन, रामपुर : आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का राज था। गीत और संगीत का उन्हे बड़ा शौक था। खासबाग में संगीत की महफिल सजती थी, जिसमें देशभर के जाने माने अदाकर शामिल होते और अपनी कला का प्रदर्शन करते। फिल्मी अभिनेत्रियां भी उनकी महफिल की शान बढ़ाती थीं। मशहूर शायर मिर्जा गालिब तो नवाब रामपुर के उस्ताद रहे।

नवाबी दौर में ही संगीत के लिए रामपुर घराना मशहूर हुआ। इस घराने का भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है। आज भी इस घराने के उस्ताद सखावत हुसैन शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में खास पहचान बनाए है। देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी रामपुर का नाम रोशन कर रहे हैं। वह दुबई, जर्मनी, मसकत, पोलेंड, हांगकांग, इंडोनेशिया आदि देशों में गजल के साथ ही भजन भी सुना चुके हैं। सखावत हुसैन आकाशवाणी और दूरदर्शन के टाप रेंक के कलाकार हैं। उन्हे कई बार पुरस्कार भी मिल चुके हैं। सुर सम्राट और संगीत कला रत्न अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं। सूबे की योगी सरकार को भी उनका संगीत रास आया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन साल पहले उन्हे पांच लाख का बेगम अख्तर अवार्ड दिया। कोरोना काल में वह रामपुर में ही रह रहे हैं। इन दिनों आन लाइन क्लासेज के जरिये संगीत की कला सिखा रहे हैं। बताते हैं कि लंदन और जकार्ता के संगीत प्रेमियों को भी शास्त्रीय संगीत व गजल के टिप्स दे रहे हैं। नवाब के दरबारी संगीतज्ञ थे मुश्ताक हुसैन

रामपुर घराने के उस्ताद मुश्ताक हुसैन खां को रामपुर के नवाब ने उन्हें अपना दरबारी संगीतज्ञ बनाया। संगीत पर उस्ताद मुश्ताक हुसैन खां की मजबूत पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शास्त्रीय गायकी के क्षेत्र में उन्हे पद्म भूषण सम्मान मिला। भारत सरकार ने उन्हे यह सम्मान 1957 में दिया। शास्त्रीय संगीत में यह सम्मान देश में उन्हे सबसे पहले मिला। अब उनके पौत्र सखावत हुसैन खां उनके संगीत की कला को आगे बढ़ा रहे हैं।

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