आरटीआइ में सूचना न देने पर तीन स्कूलों की मान्यता खतरे में

रामपुर (भास्कर ¨सह): जन सूचना अधिकार को गंभीरता से न लेने पर जिले के तीन इंगलिश मीडियम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 12:08 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 12:08 AM (IST)
आरटीआइ में सूचना न देने पर तीन स्कूलों की मान्यता खतरे में
आरटीआइ में सूचना न देने पर तीन स्कूलों की मान्यता खतरे में

रामपुर (भास्कर ¨सह): जन सूचना अधिकार को गंभीरता से न लेने पर जिले के तीन इंगलिश मीडियम स्कूलों की मान्यता खतरे में पड़ गई है। इन स्कूलों ने आरटीआइ के तहत अपने यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चों की सूची, वहां के ट्रांसपोर्टेशन की स्थिति और शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में सूचनाएं देने से मना कर दिया था। इस पर मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंचा। आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के आदेश संयुक्त शिक्षा निदेशक को दिए। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इस मामले में शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश को तीनों स्कूलों की एनओसी निरस्त करने के आदेश दिए हैं। सरकार की मंशा है कि सभी को शिक्षा का अधिकार मिले। चाहे अमीर हो या गरीब, हर बच्चा शिक्षित हो। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी की है, जिसमें 25 फीसद एडमिशन गरीब बच्चों को दिए जाने के आदेश हैं। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए उच्च शिक्षित और बीएड पास शिक्षक ही स्कूलों में नियुक्त किए जाने का आदेश केंद्र सरकार की ओर से जारी हुआ है। स्कूलों को अपनी ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था दुरुस्त रखने की भी हिदायत है। इसके अलावा अभिभावकों की सबसे बड़ी समस्या फीस को लेकर है। स्कूलों में हर साल फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी की जाती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने शुल्क नियंत्रण की नई व्यवस्था लागू की है। प्रदेश सरकार की इस नई व्यवस्था के तहत फीस सालाना पांच से सात फीसद से अधिक नहीं बढ़ाई जाएगी। जिले के स्कूल इन आदेशों पर कितना अमल कर रहे हैं, इसकी जानकारी के लिए अमित कुमार हृदेश ने जन सूचना अधिकार के तहत संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद से जिले के तीन स्कूलों के बारे में इन्हीं ¨बदुओं पर सूचनाएं मांगी गईं थीं। ये तीनों स्कूल बिलासपुर तहसील में आते हैं। इनमें आरएएन पब्लिक स्कूल, मिल्टन एजूकेशन एकेडमी और दशमेश पब्लिक स्कूल हैं। इन तीनों स्कूलों ने सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराईं, जिस पर अधिवक्ता ने राज्य सूचना आयोग में अपील कर दी। अपील पर सुनवाई करते हुए आयोग ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को आदेश दिए कि वह आटीआइ के तहत सूचनाएं न देने वाले तीनों स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करें। इस पर संयुक्त शिक्षा निदेशक ने तीन अगस्त 2018 को शिक्षा निदेशक माध्यमिक लखनऊ को तीनों स्कूलों की एनओसी निरस्त करने के लिए लिखा है। आठ अगस्त को आयोग में सुनवाई के दौरान पत्र की प्रति निदेशक को भी उपलब्ध करा दी है। अब 25 सितंबर को होगी सुनवाई

स्कूलों के संबंध में आरटीआइ मांगने वाले बिलासपुर के अधिवक्ता अमित कुमार हृदेश ने बताया कि राज्य सूचना आयोग इस संबंध में अब 25 सितंबर को सुनवाई करेगा। उन्होंने बताया कि सीबीएसई बोर्ड की मान्यता लेने के लिए पहले उत्तर प्रदेश सरकार से एनओसी लेना जरूरी है। यदि आयोग के आदेश के मुताबिक प्रदेश सरकार एनओसी वापस लेती है तो तीनों स्कूलों की सीबीएसई बोर्ड की मान्यता खत्म हो जाएगी।

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