रोडवेज बसों को नहीं मिल पा रहे यात्री, सन्नाटा

कोरोना संक्रमण के कारण किए गए लॅकडाउन को भले ही अनलॉक कर दिया गया हो।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:13 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:13 PM (IST)
रोडवेज बसों को नहीं मिल पा रहे यात्री, सन्नाटा
रोडवेज बसों को नहीं मिल पा रहे यात्री, सन्नाटा

रामपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के कारण किए गए लॉकडाउन को भले ही अनलॉक कर दिया गया हो। लेकिन, लोग बसों में सफर करने को लेकर फिलहाल दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण रोडवेज की आमदनी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। आठ लाख रुपये प्रतिदिन की आय करने वाला परिवहन विभाग वर्तमान में प्रतिदिन केवल 50 से 60 हजार रुपये प्रतिदिन ही कमा पा रहा है।

प्रदेश सरकार ने सवा दो माह के लॉकडाउन के बाद रोडवेज बस सेवा शुरू कर दी है। एक जून से बस सेवा शुरू की गई थी। लेकिन, यात्रियों के घरों से न निकलने के कारण बहुत कम ही बसें चल पा रही हैं। आम दिनों में यहां की 73 बसें 24 रूटों पर चला करती थीं। लेकिन, वर्तमान में स्थिति यह है कि केवल चार रूटों पर ही बसें चल पा रही हैं। जिनकी संख्या 12 से 15 के बीच ही रह रही है। हालत यह है कि सुबह होते ही सारी बसें सैनिटाइज करके लाइन से खड़ी कर दी जाती हैं। चालक और परिचालक भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं। लेकिन, यात्रियों के नाम पर परिसर में सन्नाटा छाया रहता है। बसों को कभी आठ तो कभी 12 यात्रियों को लेकर ही अपनी मंजिल को निकलना पड़ रहा है। इसका सीधा प्रभाव विभाग की आय पर पड़ रहा है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक कपिल वाष्र्णेय बताते हैं कि विभाग के पास 73 बसें हैं जो दो दर्जन रूटों पर चला करती हैं। पहले रोज लगभग आठ लाख रुपये की आय होती थी। लेकिन अब केवल 50 से 60 हजार रुपये तक ही विभाग को मिल पा रहे हैं।

chat bot
आपका साथी