48 घंटे की भागदौड़ के बाद मिला रेमडेसिविर इंजेक्शन, बची कोरोना मरीज की जान

रामपुर कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर साबित हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:55 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:55 PM (IST)
48 घंटे की भागदौड़ के बाद मिला रेमडेसिविर इंजेक्शन, बची कोरोना मरीज की जान
48 घंटे की भागदौड़ के बाद मिला रेमडेसिविर इंजेक्शन, बची कोरोना मरीज की जान

रामपुर : कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर साबित हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है। इसके चलते यह आसानी से हाथ नहीं आ पा रहा है। जिले में भी दवाओं के थोक विक्रेता से लेकर फुटकर विक्रेताओं के पास यह उपलब्ध नहीं है। इससे कोरोना मरीजों की जान को खतरा बना हुआ है। नगर पालिका के सामने मुहल्ला खालसा गुरुद्वारे के प्रधान 70 वर्षीय गुरचरन सिंह के परिवार से ज्यादा इस दर्द को कौन समझ सकता है। उन्होंने 10 अप्रैल को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाई थी। इसके अगले दिन से ही उनकी तबीयत खराब होने लगी। पहले वह इसे नार्मल बुखार समझते रहे। लेकिन, उनका आक्सीजन लेवल गिरने पर परिवार वाले घबरा गए। उनका बेटा तनप्रीत सिंह उन्हें तुरंत नैनीताल हाईवे स्थित एक निजी अस्पताल ले गया। वहां वेंटीलेटर न होने की बात कहकर मुरादाबाद ले जाने की सलाह मिली। तब बेटा उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल ले गया। वहां 14 अप्रैल को भर्ती कर उनकी जांच की गई तो रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई। 15 अप्रैल को चिकित्सक ने उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने को कहा। तनप्रीत सिंह का कहना है कि तब यह इंजेक्शन अस्पताल में नहीं था। उन्हें लगा कि कहीं भी मिल जाएगा, लेकिन मुरादाबाद में दर्जनों मेडिकल स्टोर छान दिए। इसके बाद रामपुर में अपने सभी दोस्तों, परिचितों और रिश्तेदारों से संपर्क किया। उनके द्वारा रामपुर के हर छोटे बड़े दवा के थोक विक्रेता से लेकर फुटकर विक्रेता से इंजेक्शन देने की गुहार लगाई। तब पता चला कि इसकी कालाबाजारी हो रही है। वह कोई भी कीमत देने को तैयार थे। इंजेक्शन के लिए बरेली तक गए। इंजेक्शन नहीं मिला। दो दिन बीत गए। संयोग से जिस विवेकानंद अस्पताल में पिता भर्ती थे, वहां दो दिन बाद इंजेक्शन आ गया था। तब पिता की जान बच सकी। दो इंजेक्शन 9600 रुपये कीमत में मिले। अब उनके पिता की हालत में सुधार है। आक्सीजन लेवल 90 प्लस हो गया है। उनका कहना है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। कोरोना मरीजों के लिए जरूरी यह इंजेक्शन दूसरी अन्य दवाओं की तरह आसानी से उपलब्ध हो सके, इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने रामपुर के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। कहा कि सिर्फ बेरिकेडिग करने से काम नहीं चलेगा। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बेहतर उपाय करने की जरूरत है। शासन और प्रशासन को भी ध्यान देना होगा। पिता के ठीक होने पर वह इस संबंध में डीएम और सीएमओ से मिलेंगे। मांग करेंगे कि देश की समस्त दवा दुकानों पर दवा वितरण की व्यवस्था एक्ट अनुसार करने की व्यवस्था की जाए और जो दवा विक्रेता कालाबाजारी के मकसद से जीवन रक्षक दवाओं को स्टोर करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि किसी मरीज को परेशानी न उठानी पड़े।

क्या कहते हैं अधिकारी

सभी जिलों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी चल रही है। कालाबाजारी की आशंका के चलते हमने यहां सभी थोक और फुटकर विक्रेताओं के यहां स्टाक चेक करा लिया है। किसी के पास यह इंजेक्शन नहीं मिला। अभी शासन द्वारा प्राथमिकता के आधार पर पहले कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। हमने शासन को 70 इंजेक्शन प्रति दिन उपलब्ध कराने के लिए मांग भेजी है।

राजेश कुमार, प्रभारी औषधि निरीक्षक।

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