वाह क्या खूब है रजा लाइब्रेरी: मेघवाल

रामपुर केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने हुनर हाट के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के साथ ही रजा लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया। लाइब्रेरी की इमारत और इसके किताबी खजाने को देखकर वह दंग रह गए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:45 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:45 PM (IST)
वाह क्या खूब है रजा लाइब्रेरी: मेघवाल
वाह क्या खूब है रजा लाइब्रेरी: मेघवाल

रामपुर: केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने हुनर हाट के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के साथ ही रजा लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया। लाइब्रेरी की इमारत और इसके किताबी खजाने को देखकर वह दंग रह गए। बोले, जितनी खूबसूरत इसकी इमारत है, उससे भी ज्यादा बेशकीमती इसका किताबी खजाना है। दरबारे हाल में लगे फानूस को वह काफी देर तक निहारते रहे। इसके बल्ब 100 साल से फ्यूज नहीं हुए हैं, यह सुनकर बोले, भाई कमाल है।

मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने केंद्रीय राज्य मंत्री को लाइब्रेरी की पुस्तकों, पाडुलिपियों और पेंटिग के बारे में अवगत कराया। बताया

कि यहां पर हजरत अली के हाथ से खाल पर लिखी कुरआन है तो सुमेर चंद की फारसी में लिखी रामायण भी है, जिसके शुरू के पेज सोने के पानी से लिखे हैं। इसमें उसी दौर की पेंटिग भी हैं। इन्हे देखकर राज्यमंत्री ने कहा कि लाइब्रेरी की स्थापत्य कला बेजोड़ है और यहां जो संग्रह है वह भी अपने आप में बेजोड़ है। यह राष्ट्रीय धरोहर है, यह अनुसंधान का भी एक बड़ा केन्द्र बन सकता है। भावी पीढ़ी भारतीय संस्कृति को रामपुर र•ा लाइब्रेरी से पढ़ सकती है, समझ सकती है और अनुभव कर सकती है कि भारतीय संस्कृति कितनी महान रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान यहां बहुत से नवाचार किये जा सकते हैं। रागमाला एलबम को देखते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्लभ कला है। संगीत नाटक अकेडमी में इस विषय पर बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि रामपुर र•ा लाइब्रेरी और संगीत नाटक अकेडमी मिलकर यहां की रागमाला एलबम को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करें। रामपुर र•ा लाइब्रेरी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान है और इसके विस्तार के लिए भारत सरकार निरन्तर प्रयासरत है। इसके बाद राज्य मंत्री ने गांधी समाधि को भी देखा। यहां मंडलायुक्त ने उन्हें बताया कि दिल्ली के बाद रामपुर में भी गांधी जी की अस्थियां दफ्न हैं। रामपुर के नवाब ने बापू की अस्थियां मंगाईं थी, जिन्हें यहां दफ्न किया गया था।

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