एक हजार एलपीएम वाले आक्सीजन प्लांट की तैयारी
रामपुर जिले में जल्द ही सबसे ज्यादा एक हजार एलपीएम क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट भी शुरू हो जाए
रामपुर : जिले में जल्द ही सबसे ज्यादा एक हजार एलपीएम क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट भी शुरू हो जाएगा। सोमवार को इस प्लांट की मशीनरी स्वास्थ्य विभाग को मिल गई । एक सप्ताह में इंजीनियर आकर प्लांट को फिट करके चालू कर देंगे। इसके बाद जिले में आक्सीजन की कमी नहीं होने पाएगी। यह जिले में तीसरा आक्सीजन प्लांट होगा। इसके चालू होते ही जिले में आक्सीजन उत्पादन की क्षमता 1450 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) हो जाएगी।
कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी पूरे देश में हुई थी। कोरोना के मरीज आक्सीजन न मिलने से दम तोड़ रहे थे। देश भर में हाहाकार मच गया था। जिले में भी आक्सीजन की किल्लत होने लगी थी। हालांकि जिला अस्पताल में लगे आक्सीजन प्लांट ने थोड़ी राहत दी थी, लेकिन क्षमता 150 एलपीएम होने के कारण आक्सीजन की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही थी। सिर्फ अस्पताल में बने कोविड एल-टू हास्पिटल में भर्ती मरीजों को ही आक्सीजन मिल रही थी। इसके अलावा अस्पताल के अन्य वार्डों में भर्ती मरीज को आक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर ने निबटने को सरकार ने प्रत्येक जिले में आक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया। यहां भी जिला अस्पताल में एक हजार एलपीएम क्षमता वाले प्लांट को मंजूरी दी गई। पहले यह प्लांट 15 अगस्त तक चालू होना था, लेकिन मशीनरी नहीं मिलने से प्लांट शुरू नहीं हो सका।
कोरोना के नोडल अधिकारी बनाए गए जिला मलेरिया अधिकारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि एक हजार एलपीएम क्षमता वाला यह प्लांट प्रधानमंत्री केयर फंड से लगाया जा रहा है। डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) की ओर से सोमवार को इसकी मशीनरी मिल गई है। डीआरडीओ के इंजीनियर इसे आकर इंस्टाल करेंगे। सप्ताह भर में प्लांट चालू होने की उम्मीद है। इसके अलावा एक प्लांट जिला महिला अस्पताल में यूपीएमएससीएल (उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन) की ओर से लगाया जा रहा है। वर्तमान में हमारे दो प्लांट एक्टिव हैं। इनमें एक प्लांट पहले से जिला अस्पताल में लगा है, जबकि दूसरा प्लांट रेडिको खेतान की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलासपुर में लगा है, जिसकी क्षमता 300 एलपीएम है।