तीन दर्जन अल्ट्रसाउंड सेंटरों पर प्रशासन का छापा

भ्रूण परीक्षण प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए शनिवार पूर्वाह्न जिले के तीन दर्जन अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापा मारा गया। शहर में सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार के निर्देशन में 16 अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर जांच की गई। कहीं कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:47 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:51 AM (IST)
तीन दर्जन अल्ट्रसाउंड सेंटरों पर प्रशासन का छापा
तीन दर्जन अल्ट्रसाउंड सेंटरों पर प्रशासन का छापा

जेएनएन, शाहजहांपुर : भ्रूण परीक्षण प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए शनिवार पूर्वाह्न जिले के तीन दर्जन अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापा मारा गया। शहर में सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार के निर्देशन में 16 अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर जांच की गई। कहीं कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।

शनिवार को डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत अल्ट्रसाउंड सेंटर पर छापे का फरमान जारी किया। शहर समेत सभी तहसीलों में टीम उतार दी गई। सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार के नेतृत्व में टीम ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की डिग्री चेक करने के साथ ही मशीन व लैपटॉप चेक किए। मरीजों से बातचीत की। टीम में एसीएमओ, सीओ शामिल रहे।

एसडीएम के निर्देशन में चला अभियान

एसडीएम सदर दशरथ कुमार के निर्देशन में टीम ने जिला महिला चिकित्सालय, कृष्णा नर्सिंग होम, शांति अल्ट्रासाउंड सेंटर, टंडन नर्सिंग होम, निपुण हॉस्पिटल, इंदु स्कैन कृष्णानगर, संजीवनी अस्पताल, प्रकाश अल्ट्रासाउंट मदनापुर रोड, केके अस्पताल चिनौर, बालाजी अल्ट्रासाउंड, रोहिलखंड अस्पताल बंथरा अल्ट्रासाउंड सेंटरों का निरीक्षण किया। टीम में शामिल ददरौल सीएचसी अधीक्षक डा. सचिन गुप्ता ने चिकित्सकों के अभिलेख व प्रमाण पत्र चेक किए। तिलहर तहसीलदार सुरेंद्र कुमार सिंह ने तिलहर कटरा, पुवायां एसडीएम सतीश चंद्र ने बंडा, खुटार, पुवायां व एसडीएम सौरभ भट्ट ने जलालाबाद में अल्ट्रासाउंड सेंटर चेक किए।

कलान : एसडीएम बरखा सिंह ने कलान के अल्ट्रासाउंड सेंटर देखे। लेकिन सभी बंद मिले। देर शाम डीएम को रिपोर्ट भेज दी।

क्या है एमटीपी एक्ट

मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 में लागू हुआ। इस एक्ट के तहत जरूरी होने पर ही गर्भपात कराया जा सकता है। एक्ट का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाती है। एक्ट के तहत संबंधित चिकित्सक का एमबीबीएस के साथ डीजीओ या एमडी होना अनिवार्य है।

chat bot
आपका साथी