बिलासपुर में फसलें जलमग्न, किसानों ने लगाया जाम

रामपुर। बिलासपुर क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में पानी भर जाने से फसलें जलमग्न हो गईं। इसके विरोध में किसानों ने बाइपास पर जाम लगा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:20 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:20 PM (IST)
बिलासपुर में फसलें जलमग्न, किसानों ने लगाया जाम
बिलासपुर में फसलें जलमग्न, किसानों ने लगाया जाम

रामपुर। बिलासपुर क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में पानी भर जाने से फसलें जलमग्न हो गईं। इसके विरोध में किसानों ने बाइपास पर जाम लगा दिया।

क्षेत्र के गगनपुर, सिहोर, जाफरबाद, ईसानगर, मरियमपुर, नया गांव, कुरिताया, फाजलपुर, तालमहावर, पिपलिया अहला, अनवरिया, महेशपुरा, सुल्तानपपुर, मंसूरपुर, अहरो गांव में हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं। मंगलवार की दोपहर क्षेत्र के सैकड़ों किसान नारेबाजी करते हुए बाइपास पर आ गए और हाईवे जाम कर दिया। कहा कि बाइपास पर एक भी पुलिया नहीं बनवाई है। सूचना पाकर एसडीएम अशोक चौधरी व सीओ विद्या किशोर भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। किसान नेता अमरजीत सिंह तथा बलजीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया कि संस्था ने आंख मूंदकर हाईवे का निर्माण किया है। अब जब हाईवे बनकर तैयार हो गया है तो पानी निकासी का बंदोबस्त भी पूरी तरह खत्म हो चुका है। प्रशासन के कहने पर हाईवे पर काम करने वाली संस्था के अधिकारी भी आ गए। किसानों को पानी की निकासी का जल्द से जल्द बंदोबस्त कराने का आश्वासन देने पर किसान शांत हुए। बलविदर सिंह, प्रीतम सिंह, गुरमुख सिंह, भजन सिंह, लखबीर सिंह, हरकिशन सिंह, कुलविदर सिंह, सुखदेव सिंह विर्क, रवि शर्मा, जयदीप शर्मा, सर्वजीत सिंह, अमन शर्मा आदि मौजूद रहे। खेत तालाबों में तब्दील, फसलों की बर्बादी से किसान परेशान

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : क्षेत्र में रविवार शाम सोमवार की देर रात तक थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद मूसलाधार बारिश पड़ने से धान की तैयार फसल एवं ताजा बोई गई मटर की खेती को भारी नुकसान पहुंचा। इसके अलावा अमरूद, उरद व दाल दलहन समेत आदि की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। जलभराव होने के बाद हवा से गिरी गन्ने की फसल को भी नुकसान पहुंचा। क्षेत्र में धान की कटाई का कार्य बहुत तेजी के साथ चल रहा था। बरसात ने किसानों के चेहरे की खुशी छीन ली है। मंसूरपुर के किसान वशीर अहमद, नया गांव के बलविदर सिंह व एक अन्य गांव के किसान प्रीतम सिंह ने बताया कि अभी कुछ दिन से किसानों ने सरसों की बुआई की गई है, लेकिन इस बारिश के खेतों में जमा हुए पानी ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। बारिश से नगर के मुहल्लों में जलभराव की स्थिति बनी रही। मंगलवार को जब आसमान में हल्की सी धूप दिखाई दी, तो किसान अपने खेतों से डूबी हुई कटी फसल को पलंग पर रख बाहर निकलते दिखाई दिए। इसके अलावा कई गांवों में तो खेतों से पानी निकासी न होने से खड़ी हुई फसलें तालाब में तब्दील हो गई।

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भोट में भी बाढ़ के हालात

संवाद सूत्र, भोट: पीलाखार नदी का जलस्तर बढ़ता देख अधिकारियों के आदेश पर थानाध्यक्ष संजय कुमार ने भारी पुलिस बल के साथ नदी के किनारे के अशोकपुर, सनकरा, पेमपुर अशोकपुर पट्टी, पदपुरी आदि गांवों का भ्रमण किया। ग्रामीणों को बाढ़ से बचाव के प्रति जागरूक किया।

क्षेत्र के ग्राम पट्टी अशोकपुर में किसानों के खेतों में पानी भर जाने से कटी पड़ी धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। धान की फसल कटाई के बाद खेतों में ही पड़ी हैं, जोकि बरसात के कारण पानी में डूब गई है। -------------------

गोताखोर पिता-पुत्रों ने बचाया

संवाद सूत्र, टांडा : गांव शहपुरा में दो लोग जाहिद व अकबर अली खेतों पर गए थे। अचानक पानी बढ़ने से कोसी नदी के बहाव में बह गए। सूचना से गांव हड़कंप मच गया। गांव के पिता- पुत्र गोताखोर सलीम पहलवान व उनका बेटा शमसुद्दीन उनकी तलाश में निकल गए। तलाशते हुए दोनों ग्रामीण गांव धनुपुरा में एक पेड़ पर चढ़े हुए मिले। गोताखोरों ने उन्हें सकुशल बाहर निकालकर उनकी जान बचाई। इस पर ग्रामीणों व एसडीएम डाक्टर ज्योति गौतम ने दोनों गोताखोर पिता-पुत्रों की सराहना की। जाहिद व अकबर अली ने बताया कि उन्हें पानी से बचने की आस खत्म हो गई थी। लेकिन, गांव के गोताखोरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें बचाया।

चार ग्रामीण फंसे, एसडीएम से बचाने की गुहार

टांडा: कोसी नदी के दो फाड़ होने के कारण गांव धुनुपुरा के चार लोग प्रताप सिंह, राम सिंह, भूपेंद्र सिंह, तथा ऋषभ भी अपने खेतों को देखने गए थे। कोसी नदी में पानी बढ़ने से नदी के पार फंस गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कोसी नदी के दो फाड़ हो गए हैं। एक गांव से मिला हुआ है दूसरा उसके पार है। गांव के चारों लोग बीच में ही फंस गए हैं। उन्होंने एसडीएम आदि से चारों को सुरक्षित निकलवाने की मांग की है। एसडीएम ज्योति गौतम ने मदद करने का आश्वासन दिया है। प्रशासन अलर्ट, डीएम ने की अपील

रामपुर : रामनगर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण स्वार, टांडा व बिलासपुर क्षेत्र में बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। सुबह से ही बाढ़ के पानी से प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी दौरे पर निकल गए। ग्रामीणों को स्थिति से अवगत कराते हुए सचेत कर लगे। जिला अधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ ने भी जलभराव व बाढ़ से निपट़ने को तहसील स्तरीय अधिकारियों के द्वारा चलाए जा रहे अभियान में पूर्ण सहयोग करने की अपील की है। खासतौर से ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायतों से जुड़े अधिकारियों से इसमें अग्रणी भूमिका निभाने को कहा है। उन्होंने अफसरों की बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों में जुट जाने के निर्देश दिए। ग्राम प्रधानों से प्रशासन के साथ मिलकर चलाए जा रहे अभियान में सहयोग करने की अपील की। ग्रामीणों से भी नदी किनारे न जाने का आग्रह किया है। इसके बावजूद ग्रामीण उफनती नदियां में घुसे जा रहे हैं। मंगलवार दोपहर मदारपुर गांव के लोग भैंसा गाड़ी से चारा लेने बीच नदी से होकर निकली। इससे उनकी जान भी जा सकती थी। बाद में इस गांव पहुंचकर सीडीओ गजल भारद्वाज और एसपी अंकित मित्तल ने लोगों से नदी में न जाने की अपील की। ------------------ सिचाई विभाग की लापरवाही से बाढ़: मुस्तफा रामपुर : जिला पंचायत सदस्य मुस्तफा हुसैन ने कोसी नदी में आई बाढ़ के लिए सिचाई विभाग को दोषी ठहराते हुए कहा कि सिचाई विभाग की लापरवाही के चलते किसानों व गरीब जनता को पीड़ा उठानी पड़ रही है। यदि समय रहते सिचाई विभाग इंतजाम करता तो नुकसान नहीं होता।

पसियापुरा पहुंची पीएसी सैदनगर : स्वार क्षेत्र का पसियापुरा चांदपुर गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। पीएसी के जवान नाव से गांव का भ्रमण करने के लिए पहुंच गए हैं। स्वार क्षेत्र का पसियापुरा गांव बाढ़ के पानी की चपेट में आ गया। प्रशासन को बाढ़ का पानी गांव में घुसने की सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस के आला अफसर पीएसी के साथ खेमपुर पहुंच गए। देर शाम पीएसी नाव से पसियापुरा गांव की ओर गई।

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