कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने वाली कंपनी ही बनाएगी खाद

रामपुर कूड़ा निस्तारण प्लांट न लगने की वजह से शहरों में स्वच्छ भारत मिशन सफल नहीं हो पा रहा है। एनजीटी ने भी हर शहर में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के निर्देश दे रखे हें। ऐसा न करने पर एक लाख रुपया महीना जुर्माना देने के निर्देश हैं। इसके बाद भी शहरों में कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं लग सके हैं। इस कारण शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में भी पिछड़ गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:05 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:05 PM (IST)
कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने वाली कंपनी ही बनाएगी खाद
कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने वाली कंपनी ही बनाएगी खाद

रामपुर: कूड़ा निस्तारण प्लांट न लगने की वजह से शहरों में स्वच्छ भारत मिशन सफल नहीं हो पा रहा है। एनजीटी ने भी हर शहर में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के निर्देश दे रखे हें। ऐसा न करने पर एक लाख रुपया महीना जुर्माना देने के निर्देश हैं। इसके बाद भी शहरों में कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं लग सके हैं। इस कारण शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में भी पिछड़ गए हैं। रामपुर में अब कूड़ा निस्तारण प्लांट लगने जा रहा है। सरकार ने 16 करेाड़ रुपये भी दे दिए हैं।

पालिका के अधिशासी अधिकारी डा. विवेकानंद गंगवार ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर देश में नंबर वन है। वहां कूड़ा निस्तारण प्लांट लगे हैं और सफल भी हो रहे हैं। वह खुद वहां देखकर आए हैं। कूड़े से खाद बनाने के साथ ही सीएनजी भी बन रही है। उनका कहना है कि यूपी में जिन सहरों में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगे हैं, वहां प्लांट लगाने वाली कंपनी और उसे चलाने वाली कंपनी अलग-अलग रही हैं। इस कारण सफल नहीं हो सके, लेकिन अब जो कंपनी प्लांट लगाएगी वही कंपनी 10 साल तक खाद बनाएगी।

गीले कूड़े से बनेगी खाद

अधिशासी अधिकारी ने बताया कि गीले कूड़े से खाद बनेगी, जो किसानों को दी जाएगी। खाद बनाने के लिए कूड़ा कई मशीनों से गुजरेगा। करीब एक से डेढ़ महीने में खाद बनकर तैयार होगी। सूखे कूड़े को अलग-अलग किया जाएगा। प्लास्टिक, लोहा, पन्नी आदि अलग करने के बाद फैक्ट्रियों को बेचे जाएंगे। प्लांट लगाने के लिए शहजादनगर के पास जमीन भी उपलब्ध है। यह सपा शासनकाल में ही खरीद ली गई थी। कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए टेंडर भी हो गए हैं, जो 10 दिसंबर को खुलेंगे। बमनपुरी में लगे कूड़े के अंबार के निस्तारण के लिए भी शीघ्र टेंडर होंगे। इसके लिए भी शासन से धनराशि मिल गई है।

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