ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने गया था नवरीत, वहीं कर लिया प्रेम विवाह
बिलासपुर (रामपुर) दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में जान गंवाने वाला नवरीत सिंह पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया गया था।
बिलासपुर (रामपुर) : दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में जान गंवाने वाला नवरीत सिंह पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया गया था। उसने वहीं शादी भी कर ली थी। पत्नी को वहां छोड़कर करीब दो साल पहले गांव लौट आया था। इसकी वजह ऑस्ट्रेलिया सरकार की सख्ती रही। दरअसल, पढ़ाई के साथ नवरीत ने पार्ट टाइम नौकरी शुरू कर दी। किसी ने यह शिकायत ऑस्ट्रेलिया प्रशासन से कर दी तो उसका वीजा रद हो गया। साथ ही तीन साल के लिए प्रतिबंध भी लग गया। अब वह दोबारा ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी में था मगर, उससे पहले अनहोनी का शिकार हो गया।
नवरीत के पिता साहब सिंह ने बताया कि करीब पांच साल पहले स्टडी वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया था। वहां उसने मनसीत कौर से प्रेम विवाह कर लिया था। मनसीत भी ऑस्ट्रेलिया में स्टडी वीजा पर गई थी। मनसीत भी क्षेत्र के माठखेड़ा गांव की रहने वाली है, जो अब भी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। उन्होंने बताया कि नवरीत पढ़ाई के साथ-साथ वहां पार्टटाइम नौकरी भी करता था। तीन साल ऑस्ट्रेलिया में रुकने के बाद नवरीत पत्नी को वहीं छोड़ अकेला वापस घर आ गया था। यहां कुछ माह रुकने के बाद वापस ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहा था। तभी किसी व्यक्ति ने उसकी नौकरी की शिकायत वहां के पुलिस-प्रशासन से कर दी। इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया सरकार ने तीन साल के लिए उसे प्रतिबंधित कर दिया था। तब से वह गांव में ही रहकर खेती करने लगा। उसके प्रतिबंध के दो साल बीत गए थे। एक साल बाकी था। वह ऑस्ट्रेलिया वापस जाने की तैयारियां कर रहा था। इस बीच किसान आंदोलन शुरू हो गया। वह भी दिल्ली आंदोलन में शामिल होने चला गया। साहब सिंह ने नम आंखों से बताया कि नवरीत को हादसे के बारे में नहीं बताया गया था लेकिन, देर शाम जब उसने सोशल मीडिया पर पति की फोटो देखी तो स्वजनों को फोन किया और रोने लगी। नवरीत की मौत से पूरा गांव सदमे में
बिलासपुर (रामपुर) : साहब सिंह ने बताया कि उनके पास करीब आठ से दस एकड़ भूमि है। इसके अलावा उन्होंने कुछ जमीन ठेके पर ले रखी थी, जिसमें नवरीत खेती करता था। बताया नवरीत बहुत ही सरल स्वभाव का और मेहनती था। उसने अपने अकेले दम पर खेती करके क्षेत्र में नाम रोशन कर दिया था। उधर, ग्रामीणों ने भी नवरीत की खुशमिजाजी की बहुत तारीफ की। उन्होंने बताया नवरीत गांव के सभी छोटे-बड़ों का सम्मान करता था। उसकी मौत से पूरा गांव सदमे में है।
तनाव को देखते हुए पुलिस-प्रशासन रहा सतर्क
किसान आंदोलन में तहसील के दूसरे किसान की मौत पर आला अधिकारियों सहित स्थानीय पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। नगर सहित तहसील के मुख्य मार्गों पर जहां जबरदस्त चेकिग अभियान चलाया गया। वहीं, तहसील के चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद रही। एडीजी अविनाश चंद्र, आइजी रमित शर्मा, पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम बुधवार को तड़के बार्डर स्थित रूद्र-बिलास चौकी पहुंच गए। सिविल ड्रेस में कुछ पुलिस कर्मी मृतक के घर तैनात रहे। अंतिम संस्कार हो जाने तक एक भी प्रशासनिक अधिकारी ने गांव का दौरा नहीं किया। दोपहर दो बजे पुलिस अधिकारी वापस जनपद मुख्यालय को रवाना हो गए। दिल्ली आंदोलन में जान गंवाने वाला बिलासपुर का दूसरा किसान
डिबडिबा के नवरीत के बाद दिल्ली आंदोलन में जान गंवाने वाले बिलासपुर के किसानों की संख्या अब दो हो गई है। इससे पहले बिलासपुर तहसील के ही पसियापुरा गांव निवासी बाबा कश्मीर सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक पत्र लिखकर परिवार की समस्याओं सहित भाजपा सरकार पर आरोप लगाए थे। अब दूसरे किसान की मौत हो जाने से क्षेत्रीय किसानों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने अब इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में न डालने का अल्टीमेटम भी दे दिया है। उनका कहना है कि तहसील के दो किसानों की कुर्बानी बेकार नहीं जाने दी जाएगी।