दस और मुकदमों में फंस रहे सांसद आजम खां

सपा सांसद आजम खां दस और मुकदमों में फंस रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:11 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:32 PM (IST)
दस और मुकदमों में फंस रहे सांसद आजम खां
दस और मुकदमों में फंस रहे सांसद आजम खां

मुस्लेमीन, रामपुर: सपा सांसद आजम खां दस और मुकदमों में फंस रहे हैं। इन मुकदमों में पुलिस उनके खिलाफ चार्जशीट लगाने की तैयारी में है, जबकि उनके खिलाफ 80 मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं। पिछले सात माह से वह पत्नी शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला के साथ जेल में बंद हैं।

पिछले साल जुलाई माह में डूंगरपुर प्रकरण में आजम खां के करीबियों के खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज हुए थे। इन मुकदमों में पुलिस ने जो लोग गिरफ्तार किए हैं, उन्होंने बयान दिए हैं कि उन्होंने आजम खां के इशारे पर अपराध किए। घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट भी उनके कहने पर ही की। इसी आधार पर पुलिस आजम खां को भी दस मुकदमों में आरोपित करने जा रहे हैं।

- पुलिस विवेचना कर रही हैं। शीघ्र ही सभी मुकदमों में आरोप पत्र कोर्ट में लगाने की तैयारी है। आजम खां के खिलाफ आरोपितों ने जो बयान दिए हैं, उसके बारे में साक्ष्य संकलन का कार्य जारी है। इन मुकदमों में आजम के करीबी पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खां भी नामजद हैं, जो पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहे हैं। पुलिस उनकी संपत्ति कुर्क कर चुकी है। उनकी गिरफ्तारी पर 25 हजार इनाम भी घोषित हो चुका है। अब भी उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।

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सपा शासनकाल में पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास कालोनी बनवाई गई थी। तब आजम खां प्रदेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे, जिस जगह कालोनी बनी हैं, यहां पहले से कुछ लोगों के मकान थे, जिन्हें नगर पालिका की जमीन बताते हुए तोड़ दिया गया था।

पहले से ही 80 मुकदमे, इनमें 30 जमीन कब्जाने के

सांसद आजम खां के खिलाफ पहले से ही 80 मुकदमें दर्ज हैं। पिछले साल जुलाई में मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीनें कब्जाने के आरोप में 30 मुकदमें दर्ज हुए थे। इन मुकदमों में आजम खां को नामजद किया गया था। लेकिन, पुलिस ने जांच पड़ताल के दौरान आजम खां की पत्नी, बहन और दोनों बेटे भी दोषी पाए। इसपर पुलिस ने उनकी पत्नी, बहन निकहत अफलाक और बेटे अदीब आजम व अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भी सभी 30 मामलों में चार्जशीट लगा दी। दरअसल ये सभी जौहर ट्रस्ट के सदस्य हैं और जौहर ट्रस्ट ही यूनिवर्सिटी को संचालित करता है। यूनिवर्सिटी की जमीन भी ट्रस्ट के नाम है। इसीलिए पुलिस ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों को दोषी माना है।

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