मैंथा की फसल निकाल रही किसानों के आंसू
मैंथा की फसल इस बार किसानों को बेहद निराश करने वाली है।
रामपुर, जेएनएन। मैंथा की फसल इस बार किसानों को बेहद निराश करने वाली है। गर्मी के कारण सूख रही फसल से लागत का आधा भी मुनाफा मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में किसानों के माथे पर चिता की लकीरें उभरने लगी हैं। हालत यह है कि कई किसानों ने तो अब उसकी देखभाल पर ध्यान देना भी छोड़ दिया है।
गर्मी अधिक पड़ने का प्रभाव मैंथा की फसल पर बहुत बुरा पड़ा है। एक एकड़ खेत के हिसाब से देखा जाए तो यदि फसल अच्छी हो जाए तो 80 लीटर तक तेल निकल आता है लेकिन, अब ऐसा नहीं हो रहा है। मुरझा चुकी फसल इसका आधा भी तेल मुश्किल से दे पा रही है। एक एकड़ फसल में आने वाले खर्च पर नजर डालें तो 42 से 44 हजार रुपये के बीच खर्च हो जाता है। जिसमें बोवाई से लेकर अंत तक सारे खर्चे शामिल हैं। लेकिन आज हालत यह है कि तेल निकलवाने के लिए 150 रुपये लीटर के हिसाब से मशीन पर देना पड़ रहा है। वहीं तेल आधा भी नहीं निकल पा रहा है। उधर लॉकडाउन के कारण दुकानें न खुल पाने से तेल की बिक्री भी नहीं हो पा रही है। जिससे किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है। इसको देखते हुए किसानों ने खेत में खड़ी फसल पर अब ध्यान देना ही बंद कर दिया है। बोले किसान
एक एकड़ खेत में मैंथा की फसल खड़ी है। वैसे तो इतनी जमीन में 80 लीटर तेल निकल आता है। इस समय 40 से 50 लीटर के बीच ही निकल पा रहा है। दुकानें न खुलने के कारण तेल बिक नहीं पा रहा है। इससे मन परेशान है।
रामगोपाल, नुसरतनगर हमने पांच एकड़ खेत में मैंथा किया है। गर्मी ने बहुत नुकसान किया है। चिता इस बात की है कि यदि बरसात हो गई तो हालात और भी खराब हो जाएंगे। मशीन पर 150 रुपये लीटर के हिसाब से देन पड़ रहा है। तेल न के बराबर ही निकल रहा है।
नासिर, घोसीपुरा हमारे एक एकड़ खेत में मैंथा खड़ा है। हालात यह है कि फसल सूख चुकी है। 40 हजार रुपये से अधिक रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं। लेकिन, जिस हिसाब से फसल हुई है, उसे देख कर नहीं लग रहा कि आधी रकम भी मिल पाएगी।
होरी लाल, मंढौली हमने पांच एकड़ खेत में मैंथा बोया हुआ है। चिलचिलाती गर्मी फसल को झुलसा चुकी है। पांच एकड़ में चार सौ लीटर तक तेल निकल आता है। लेकिन, इस बार 200 लीटर भी निकल पाना मुश्किल लग रहा है।
अजीत सिह, स्वार