कोरोना को मात देने के लिए घर-घर में नजर आए श्रीकृष्ण-राधा

हाथी-घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 06:18 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 10:49 PM (IST)
कोरोना को मात देने के लिए घर-घर में नजर आए श्रीकृष्ण-राधा
कोरोना को मात देने के लिए घर-घर में नजर आए श्रीकृष्ण-राधा

जागरण संवाददाता, रामपुर : श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व जिलेभर में हर्षोल्लास से मनाया गया। लोगों ने उपवास रखकर पूजा-अर्चना की। मंदिरों को फूलों और बिजली की रंग-बिरंगी झालरों से काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। कोरोना काल के चलते इस बार मंदिरों में भजन संध्या और झांकियां नहीं सजाई गईं। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रहे। सिर्फ पुजारी और मंदिर कमेटी के सदस्यों के द्वारा ही पूजा-अर्चना की गई, जिससे मंदिरों में हर साल की तरह इस बार भीड़ नहीं उमड़ी। लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर लडडू गोपाल को झूला झुलाया और श्री कृष्ण जी के जयकारे लगाए। इसमें हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की, प्रकट भयो नंदलाल के जमकर जयकारे लगाए। महिलाओं ने घरों में ही श्री कृष्ण जी के भजन गाकर गुणगान किया। मुहल्लों में हर साल की तरह इस बार दही हांडी के कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किए गए। वहीं जिन घरों में छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्होंने अपने-अपने बच्चों को श्री कृष्ण-राधा, सुदामा आदि की वेशभूषा में सजाया। लोगों ने सुबह उठकर घरों में पूजा स्थलों की साफ-सफाई की और राधा-कृष्ण की मूर्तियों को स्नान कराकर उन्हें नए वस्त्र पहनाए। लडडू गोपाल को मोर पंख के मुकुट, बांसुरी आदि से सजाकर फूलों से सजे पालने में बैठाया गया। इस बार कोरोना काल के चलते मंदिरों में झांकियां नहीं सजाई गईं, सिर्फ पुजारियों के द्वारा ही पूजा-अर्चना की गई, जिससे हर साल की तरह इस बार मंदिरों में लोगों की भीड़ नहीं उमड़ी। इस बार लडडू गोपाल को लोगों ने अपने-अपने घरों में ही पालना झुलाया। इस बार बाजारों में पूजन सामग्री के अलावा पालने भी खूब बिके। कान्हा के वस्त्र, बांसुरी आदि खरीदने के लिए शहर के मुख्य बाजरों में पूरे दिन लोगों की भीड़ लगी रही। इसके अलावा कुछ लोगों ने अपने घरों में छोटे बच्चों को श्री कृष्ण और राधा की वेशभूषा की झांकियां भी सजाईं। उपवास रखकर लोगों ने रात में भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाकर पूजा-अर्चना की और उन्हें पालना भी झुलाया। इस दौरान सभी ने जमकर हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की आदि जयकारे लगाए, जिससे आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया। महिलाओं ने अपने-अपने घरों में श्री कृष्ण जी के भजन गाए। पूजन सामग्री की दुकानों पर रही चहल-पहल रामपुर : जन्माष्टमी पर शहर में पूजन सामग्री खरीदने के लिए काफी चहल-पहल रही। ज्वालानगर, मिस्टन गंज, सिविल लाइंस, पुराना गंज आदि बाजारों में जगह-जगह पूजन सामग्री, श्रीकृष्ण के पूजा कैलेंडर, लडडू गोपाल तथा उन्हें झुलाने के लिए ब्रास और लकड़ी आदि के झूले, बांसुरी, वस्त्र, मोर मुकुट, श्रीकृष्ण, राधा की झांकी सजाने वाले वस्त्र आदि की दुकानें सजी हैं। वहीं लडडू गोपाल को मेवा, मिश्री से भोग लगाया जाता है इसके लिए मेवे की दुकानों पर भी खासी भीड़ रही। फल, फूल, मिठाई, मेवे आदि की भी लोगों ने जमकर खरीदारी की।

जन्माष्टमी पर शाम होते ही जगमगा उठे मंदिर रामपुर : श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शहर के मंदिरों को फूलों, बिजली की रंग-बिरंगी झालरों आदि से काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। शाम को मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठे।

शक्तिपुरम कालोनी स्थित श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ में महायोगी आचार्य राधेश्याम वासंतेय ने बताया कि जन्माष्टमी काफी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मंदिर को काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। कोरोना काल के चलते इस बार मंदिर में बड़े आयोजन नहीं किए गए। शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। सभी साधकों ने निर्जल व्रत रखते हुए पूजन अर्चना कर जन्माष्टमी उत्सव मध्य रात्रि तक मनाया था। भगवान श्री कृष्ण के प्रकट होने के निश्चित समय पर भोग लगाया। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोला गया। इस दौरान श्री कृष्ण जी का गुणगान किया गया। इस अवसर पर मंदिर को फूलों और बिजली की रंग-बिरंगी झालरों से काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। इसके अलावा शहर के मुहल्ला चाह सोतियान स्थित महालक्ष्मी मंदिर, कृष्णा विहार स्थित कृष्णा मंदिर, पुराना गंज स्थित हरिहर मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, श्री हरि मंदिर, नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, जिला पंचायत रोड स्थित शिव मंदिर, सिविल लाइंस स्थित दुर्गा मंदिर आदि मंदिरों को काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया।

सैफनी : श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कस्बे में बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिरों को काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। कोरोना महामारी के चलते इस बार मंदिरों में भीड़ नहीं लगी। लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर पूजा अर्चना कर लड्डू गोपाल को झूला झुलाया और उनकों भोग लगाकर उपवास खोला।

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