देखरेख के अभाव में बदहाल हुआ कांशीराम कालोनी का पार्क
देखरेख के अभाव में बदहाल हुआ कांशीराम कालोनी का पार्क
जागरण संवाददाता, रामपुर : कांशीराम कालोनी पहाड़ी गेट स्थित पार्क देखरेख के अभाव में बदहाल हो गया है। इसमें झाड़ियां उग आई हैं और कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। पार्क में झूले और बेंच भी नहीं लगी हैं। कुछ लोग पार्क में घूमना चाहते हैं, मगर गंदगी के कारण उसमें नहीं जा पाते। लोगों ने पार्क की सफाई कराकर उसमें झूले और बेंचे आदि लगवाने की मांग की है।
लोगों का कहना है कि कांशीराम कालोनी पहाड़ी गेट स्थित पार्क अब काफी बदहाल हो चुका है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है, जिसके कारण पार्क में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। लोगों ने इसे कूड़ाघर बनाकर रख दिया है। इसमें जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं, जिसके कारण कोई इस पार्क के अंदर जाना पसंद नहीं करता। इस पार्क की पूरी तरह से सफाई हो और बच्चों के झूलने के लिए झूले लगवाए जाएं। कालोनी में काफी बच्चे हैं। पार्क में अगर झूले लग जाएंगे तो चहल-पहल रहेगी। पार्क में बैठने के लिए बेंचें भी नहीं लगी हैं। पार्क में लोगों के बैठने के लिए जगह-जगह बैंचे बनवाई जाएं। पार्क को खूबसूरत बनाने के लिए चारों ओर क्यारियां बनवाकर उसमें फूलों के पौधे भी लगें, जिससे पार्क खूबसूरत लगे और लोग पार्क में घूमने आएं।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इंदू शेखर मिश्रा ने बताया कि कांशीराम कालोनी पहाड़ी गेट स्थित पार्क का निरीक्षण करेंगे। पार्क में अगर कोई कमी मिलती है तो उसे अमृत योजना या अन्य किसी योजना से ठीक कराने का पूरा प्रयास करेंगे। पार्क देखरेख के अभाव में बदहाल हो चुका है। पार्क में बच्चों के लिए झूले भी नहीं लगे हैं और न ही बेंचे लगी हैं। पार्क में बच्चों के लिए झूले और बेंचें लगवाई जाएं।
सुरेंद्र कुमार। पार्क देखरेख के अभाव में बदहाल हो गया है। इसमें झाड़ियां उग आई हैं। इसके अलावा कुछ लोग पार्क में कूड़ा फेंकते हैं, जिससे इसमें गंदगी हो गई है। पार्क की सफाई कराई जाए।
बाबू सागर। पार्क में गंदगी के अंबार लगे हैं और झाड़ियां उग आई हैं, जिसके कारण इसमें कोई जाना नहीं पसंद करता। पार्क की सफाई कराई जाए, जिससे लोग फिर से पार्क में टहल सकें।
फूलवती। पार्क धीरे-धीरे बदहाल हो गया है, कुछ लोग इसमें कूड़ा फेंक देते हैं, जिससे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। पार्क में सफाई कराकर क्यारियां बनवाकर पौधे लगवाए जाएं।
शराफत खां।