जौहर यूनिवर्सिटी में जमीन की पैमाइश को पहंची टीम
जागरण संवाददाता रामपुर जमीन की पैमाइश करने के लिए राजस्व टीम शनिवार को मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गई।
रामपुर: जमीन की पैमाइश करने के लिए राजस्व टीम शनिवार को मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गई। टीम की जानकारी मिलते ही कुलाधिपति एवं सांसद आजम खां और उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम समेत सैकड़ों सपा कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी पहुंच गए। टीम ने करीब दो घंटे तक यूनिवर्सिटी में जमीन की पैमाइश की।
जौहर यूनिवर्सिटी में जमीन की पैमाइश के लिए दोपहर दो बजे नायब तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व टीम पहुंची। इनके साथ अजीमनगर थानाध्यक्ष पुलिस बल समेत मौजूद थे। यहां पहुंचते ही नायब तहसीलदार ने यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारी अकबर मसूद से बात की। उन्हें एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी का आदेश पकड़ा दिया।
एसडीएम ने रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में कहा है कि ग्राम सींगनखेड़ा स्थित गाटा संख्या 1253 रकवा 11.853 हेक्टेयर श्रेणी -6-1 अकृषिक भूमि के अन्तर्गत नदी दर्ज है। इसका रकवा यूनिवर्सिटी की परिधि में आता है। इसकी पैमाइश के लिए राजस्व टीम को भेजा जा रहा है। इसमें आवश्यक सहयोग की अपेक्षा की गई। यह आदेश हाथ में आते ही प्रशासनिक अधिकारी ने यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं सांसद आजम खां को जानकारी दी। उनसे बात करने के बाद प्रशासनिक अधिकारी ने टीम को पत्र दिया, जिसमें कहा कि रजिस्ट्रार अवकाश पर हैं। यूनिवर्सिटी में चार जून तक परीक्षाएं चल रही हैं। इसके बाद किसी भी दिन पैमाइश करा ली जाए। यूनिवर्सिटी प्रशासन टीम के सहयोग के लिए सदैव तैयार है, लेकिन टीम ने उनका आग्रह नहीं माना और पैमाइश शुरू कर दी।
इसी बीच आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला भी यूनिवर्सिटी पहुंच गए। जानकारी मिलने पर सैकड़ों सपा कार्यकर्ता भी जमा हो गए। टीम ने करीब दो घंटे तक पैमाइश की। गौरतलब है कि जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति को लेकर भी प्रशासन नोटिस जारी कर चुका है। अफसर आज शत्रु संपत्ति की जमीन को भी देखने के इरादे से गए थे। यूनिवर्सिटी प्रशासन यहां शत्रु संपत्ति होने से इन्कार करता रहा है। जौहर यूनिवर्सिटी को बर्बाद करना चाहता है शासन व प्रशासन: आजम जागरण संवाददाता, रामपुर: मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं सांसद आजम खां ने कहा कि शासन एवं प्रशासन यूनिवर्सिटी को बर्बाद करना चाहता है, लेकिन हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। आखिरी सांस तक इसके लिए लड़ाई लड़ेंगे। सड़कों पर आना पड़ा तो वह भी करेंगे। अदालत की शरण भी लेंगे और हमें पूरी उम्मीद है कि अदालत से इंसाफ जरूर मिलेगा।
यूनिवर्सिटी में राजस्व टीम पहुंचने पर आजम खां ने मीडिया से बात की। कहा कि जमीन की पैमाइश सिविल का मामला है। जब चाहे पैमाइश कराएं। हमारी अपनी खरीदी हुई जमीन है। चकरोड की जमीन के बदले हमने दूसरी जमीन दे दी है। चुनाव के एक दिन बाद ही अफसरों की इस तरह की हरकत से साफ जाहिर है कि यह माहौल खराब करने और यूनिवर्सिटी को बदनाम करने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि हमने गरीब बच्चों को अच्छी तालीम दिलाने के लिए स्कूल और यूनिवर्सिटी खुलवाए हैं। इससे पहले हम बड़े चैन से रहते थे। सरकार में न होते हुए भी कोई चिता नहीं रहती थी, लेकिन जब से हमने यूनिवर्सिटी बनवाई है, तब से तालीम की दुश्मन ताकतें हमारे पीछे पड़ी हैं। यूनिवर्सिटी को तबाह करना चाहती हैं। सरकार अगर इतनी दुश्मनी पर उतर आई है तो हम कोर्ट की शरण लेंगे। अदालतें पूरी तरह स्वतंत्र हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि हमें इंसाफ मिलेगा। यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने की भी साजिश की जा रही है। यह गेट हमारी जमीन पर बना है। किसी हाल में इसे नहीं टूटने देंगे। गेट को लेकर लोक निर्माण विभाग ने चार दिन पहले ही नोटिस जारी किया था। इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने इसके तोड़ने पर रोक लगा रखी है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप