आजम के खिलाफ आचार संहिता के दो मुकदमों में टली सुनवाई

रामपुर सांसद आजम खां के खिलाफ आचार संहिता के दो मुकदमों में गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब दोनों मामलों में पांच जनवरी को सुनवाई होगी। आचार संहिता के दोनों मुकदमे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं। इनमें एक मुकदमा बिलासपुर कोतवाली में दर्ज हुआ था जबकि दूसरा सिविल लाइंस कोतवाली में लिखा गया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 11:39 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 11:39 PM (IST)
आजम के खिलाफ आचार संहिता के दो मुकदमों में टली सुनवाई
आजम के खिलाफ आचार संहिता के दो मुकदमों में टली सुनवाई

रामपुर : सांसद आजम खां के खिलाफ आचार संहिता के दो मुकदमों में गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब दोनों मामलों में पांच जनवरी को सुनवाई होगी। आचार संहिता के दोनों मुकदमे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं। इनमें एक मुकदमा बिलासपुर कोतवाली में दर्ज हुआ था, जबकि दूसरा सिविल लाइंस कोतवाली में लिखा गया था।

दोनों में सांसद पर चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने और दो वर्गों में वैमनस्यता फैलाने का आरोप है। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। गुरुवार को सुनवाई होनी थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि इस मामले में अगली तारीख पांच जनवरी तय की गई है। उधर, पूर्व विधायक युसूफ अली के खिलाफ शहर कोतवाली में दर्ज आचार संहिता उल्लंघन के मामले में गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने इसमें अब तीन जनवरी नियत की है। उनके खिलाफ वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी, जिसमें अटरिया गांव के सरकारी स्कूल और बिजली के खंभों पर चुनाव प्रचार से संबंधित पोस्टर लगाने का आरोप था। लोक अदालत में निस्तारण को लगेंगे साढ़े नौ हजार मुकदमे

जासं, रामपुर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 11 दिसंबर को आयोजित लोक अदालत में साढ़े नौ हजार मुकदमे निस्तारण करने के लिए लगाए जाएंगे। यह जानकारी गुरुवार को जिला जज गौरव कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि वादकारी लोक अदालत के जरिए सुलह समझौते के आधार पर अपने मुकदमे निस्तारित कराएं। सुलह से वाद निपटाने से समाज में सौहार्द बढ़ने के समय और धन की बचत होती है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में 9500 वाद चिन्हित किए गए हैं। इसमें भरण पोषण, दुर्घटना प्रतिकर, सिविल प्रकृति के वाद, बैंक लोन, उपभोक्ता फोरम, समनीय वाद, एमवी एक्ट आदि का निस्तारण किया जाएगा। जिला जज ने वादकारियों से अपने वादों को अधिक से अधिक संख्या में निस्तारण कराने का आह्वान किया। इस दौरान अपर जिला जज प्रथम धीरेंद्र कुमार, विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाह मौजूद रहे।

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