क्वालिटी बार प्रकरण में डीसीडीएफ बोर्ड के पूर्व संचालक को हाईकोर्ट से मिली जमानत

21 नवंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक की ओर से सिविल लाइंस में दर्ज कराया गया था मुकदमा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:42 PM (IST)
क्वालिटी बार प्रकरण में डीसीडीएफ बोर्ड के पूर्व संचालक को हाईकोर्ट से मिली जमानत
क्वालिटी बार प्रकरण में डीसीडीएफ बोर्ड के पूर्व संचालक को हाईकोर्ट से मिली जमानत

21 नवंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक की ओर से सिविल लाइंस में दर्ज कराया गया था मुकदमा जागरण संवाददाता, रामपुर : क्वालिटी बार की जमीन का फर्जी तरीके से आवंटन करने के मुकदमे में आरोपित डीसीडीएफ (जिला सहकारी विकास संघ) के पूर्व संचालक लाखन सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। इस मुकदमे में सांसद आजम खां की पत्नी और बेटा भी आरोपित हैं।

विकास भवन के पास डीसीडीएफ की काफी जमीन है। हाईवे किनारे डीसीडीएफ की जमीन पर पहले क्वालिटी बार था। सपा शासनकाल में क्वालिटी बार को खाली करा दिया गया था। जबरन जगह खाली कराने के आरोप में बार संचालक गगन अरोरा की ओर से आजम खां के खिलाफ मुकदमा भी कराया गया था। बाद में जिला प्रशासन ने जांच कराई तो क्वालिटी बार के फर्जी तरीके से आवंटन की बात सामने आई थी। तब 21 नवंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह की ओर से सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे में आजम खां की पत्नी विधान सभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला के अलावा डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मास्टर जाफर को भी नामजद किया था। पुलिस की जांच में इसमें डीसीडीएफ बोर्ड के तत्कालीन संचालकों के नाम भी प्रकाश में आए थे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनमें थाना भोट क्षेत्र के ग्राम गुजरैला निवासी लाखन सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह घटना के समय डीसीडीएफ के संचालक थे। उन्होंने सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता गौरव सिंह सैनी के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्र दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।

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