घर में छाप रहा था नकली नोट, पुलिस ने किया गिरफ्तार, 51500 रुपये की नकली करेंसी मिली, 50 और 10 रुपये के ही छापता था नोट

रामपुर शहजादनगर पुलिस ने एसओजी की मदद से घर नकली नोट छापने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह अपने घर में ही नकली नोट छाप रहा था। नकली नोट 50 और 10 रुपये के थे। पुलिस को घर से 51500 रुपये की जाली करेंसी मिली है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 01:07 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 01:07 AM (IST)
घर में छाप रहा था नकली नोट, पुलिस ने किया गिरफ्तार, 51500 रुपये की नकली करेंसी मिली, 50 और 10 रुपये के ही छापता था नोट
घर में छाप रहा था नकली नोट, पुलिस ने किया गिरफ्तार, 51500 रुपये की नकली करेंसी मिली, 50 और 10 रुपये के ही छापता था नोट

जागरण संवाददाता, रामपुर : शहजादनगर पुलिस ने एसओजी की मदद से घर नकली नोट छापने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह अपने घर में ही नकली नोट छाप रहा था। नकली नोट 50 और 10 रुपये के थे। पुलिस को घर से 51500 रुपये की जाली करेंसी मिली है। शहजादनगर थाना पुलिस को पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में नकली नोट बाजार में चलाए जाने की सूचना मिल रही थी। पुलिस ने एसओजी और सर्विलांस की मदद ली और बुधवार को ककरौआ गांव के नदीम मियां के घर छापा मारा। वहां से नकली नोट मिले, जिन्हें वह घर में ही छापता था। इनमें 50 रुपये के 844 नोट थे, जबकि 10 रुपये के 930 नोट थे। पुलिस को कुल 51500 रुपये मिले। उसके घर में

पुलिस को एक प्रिटर, लेमीनेटर, नोटों में धागा डालने वाली प्लेट, तीन डिब्बी रंग, एक कैंची, रेजर ब्लेड, टीन की पत्ती, चमकीला टेप आदि सामान भी मिला। इनकी मदद से वह नकली नोट छाप रहा था। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

ऐसे छापता था नकली नोट : शहजादनर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि आरोपित असली नोट को पहले प्रिंटर से स्कैन करता था। उसके बाद नकली नोट तैयार कर चमकीली टेप को नोटों पर लगाकर लेमीनेटर से निकालता था। इससे नोट पर चमकीला टेप असली की तरह दिखाई देता है। रंगों को प्रिंटर में डालकर नोटों की छपाई करता था, जिससे नोटों पर उसी के अनुरूप कलर दिखते हैं। कैंची व रेजर ब्लेड से कागज की कटाई करके नोटों की गड्डियां तैयार करता था। वह खुद ही इन जाली नोटों को बाजार में अलग-अलग दुकान पर घर का सामान खरीदने के लिए चला देता था। नोट 50 और 10 रुपये के चलते किसी को शक नहीं होता था।

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