खतना के नाम पर बच्चों के साथ हुई क्रूरता : विशेष

रामपुर जिले में मतांतरण का मामले की गूंज लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:47 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:47 PM (IST)
खतना के नाम पर बच्चों के साथ हुई क्रूरता : विशेष
खतना के नाम पर बच्चों के साथ हुई क्रूरता : विशेष

रामपुर : जिले में मतांतरण का मामले की गूंज लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंच गई है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. विशेष गुप्ता टीम के साथ यहां पहुंचे। उन्होंने घटना को लेकर गांव में जाकर छानबीन की। पीड़ित महिला और उसके बच्चों का भी हाल चाल जाना। उन्होंने बताया कि सैफनी चौकी क्षेत्र के बैरुआ गांव में हुई इस घटना को लेकर गांव के लोगों से जानकारी की। प्रधान के भी बयान लिए। गांव में कोई मतांतरण को लेकर साक्ष्य नहीं मिल सके हैं, लेकिन बच्चों के साथ क्रूरता हुई है। यह कृत्य किशोर अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत आता है। पुलिस ने मुकदमे में यह धारा भी बढ़ा दी है।

मतांतरण का यह मामला शाहबाद तहसील के सैफनी चौकी अंतर्गत बैरुआ गांव का है। यहां रहने वाले ट्रक चालक महफूज की दोस्ती उत्तराखंड के बाजपुर निवासी हरकेश से थी। वह भी ट्रक चलाता था। आठ मई को उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। ट्रक चालक की मौत के बाद उसकी पत्नी बच्चों के साथ उत्तराखंड के कालाढूंगी में रहने लगी थी। पति की मौत के बाद महफूज उसकी पत्नी और बच्चों को सहारा देने के बहाने अपने गांव ले आया। आरोप है कि उसने दोस्त की पत्नी का मतांतरण कराकर निकाह कर लिया। महिला और उसके बच्चों का नाम भी बदल दिया। महफूज के परिवार वालों ने महिला के दो बेटों का खतना भी करवा दिया। पूरे गांव में इसकी दावत भी हुई। इसके बाद मामला चर्चा में आ गया। तब पुलिस ने बैरुआ गांव में महफूज के घर छापा मारकर महिला व उसके बच्चों को छुड़ाया। महफूज, उसके पिता अंजार, मां मुमताज और खतना कराने वाले पुराना रायपुर गांव के शकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। महफूज पुलिस के हाथ नहीं आया, जबकि बाकी तीन को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया था।

मतांतरण का यह मामला केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग तक पहुंचा। वहां से निर्देश मिलने पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने यहां पहुंचकर घटना की जानकारी की। इसके लिए वह पहले बैरूआ गांव गए। उनके साथ उप जिलाधिकारी शाहबाद राकेश कुमार गुप्ता, सीओ मिलक श्रीकांत प्रजापति एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश कुमार भी मौजूद थे। अफसरों की मौजूदगी में अध्यक्ष ने सबसे पहले प्रधान पुत्र मोहम्मद उबैद से बात की। अन्य ग्रामीणों के भी बयान लिए। अध्यक्ष ने बताया कि सभी का कहना है कि आरोपित के घर में मंगनी की जानकारी थी। दावत भी हुई, लेकिन निकाह हुआ या नहीं इसके कोई प्रमाण नहीं मिल सके हैं। इस मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। हमारा मकसद पीड़ित महिला और उसके बच्चों को इंसाफ दिलाना है। इसके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत उनका पुनर्वासन कराया जाएगा। महिला और उसके बच्चों को बिलासपुर के नवाबगंज गुरुद्वारे में शरण दी गई है। वहां जाकर महिला से भी जानकारी की। महिला वहां पूरी तरह सुरक्षित है। वहां बच्चों की काउंसलिग कराई गई। बच्चों की काउंसलिग इसलिए जरुरी है ताकि उनके मन में कोई नकारात्मक विचार पैदा न हो। दोनों बालक पढ़ना चाहते हैं, इसलिए उनकी शिक्षा, सुरक्षा व चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

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