सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, कैसे हो इलाज

बिलासपुर (रामपुर) कोरोना काल में भी सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:10 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:10 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, कैसे हो इलाज
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, कैसे हो इलाज

बिलासपुर (रामपुर) : कोरोना काल में भी सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। डॉक्टरों के तमाम पद खाली पड़े हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों के चार पद हैं और चारों ही रिक्त हैं। महिला चिकित्सक न होने के कारण महिला रोगियों को दिक्कत होती है। उन्हें इलाज के लिए नगर के ही प्राइवेट अस्पताल या फिर रुद्रपुर जाना पड़ता है।

नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य में सुविधाओं का टोटा है। कहने तो यह अस्पताल 30 बेड का है। लेकिन, जरूरी दवाओं से लेकर स्टाफ तक की भारी कमी है। कार्यवाहक चिकित्साधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि सीएचसी में चार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पद हैं। एक सर्जन, एनेस्थीसिया, महिला डॉक्टर और बाल रोग विशेषज्ञ के पद सृजित हैं। लेकिन, ये चारों ही पद रिक्त हैं। मेडिकल अफसर के दो पद हैं, लेकिन चार की तैनात हैं। स्टाफ नर्स के 12 पदों के मुकाबले चार ही तैनात हैं। इस तरह स्टाफ नर्स के आठ पद खाली पड़े हैं। वार्ड ब्वॉय के भी दो पद खाली चल रहे हैं। सीएचसी में लैब और एक्स-रे की सुविधा है। कोरोना क‌र्फ्यू के चलते ओपीडी बंद है। केवल इमरजेंसी में ही मरीजों का ही उपचार किया जा रहा है। स्टाफ की कमी की पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों अवगत कराया गया है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरह ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। नगर के मुख्य चौराहे पर स्थित इस अस्पताल में चिकित्सक का एक ही पद है और वह भी खाली है। बेगमाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डाक्टर सौरभ आर्य को अटैच कर दिया गया है। एक बार्ड ब्वाय और एक फार्मासिस्ट तैनात है। कोरोना क‌र्फ्यू के कारण बहुत कम मरीज ही मरीज यहां तक पहुंच पा रहे हैं।

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