आशा को मिली जिम्मेदारी, टीबी उन्मूलन में भी भागीदारी
जागरण संवाददाता रामपुर स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने वाली आशा ।
जागरण संवाददाता, रामपुर : स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने वाली आशा कार्यकर्ता को सरकार ने एक और जिम्मेदारी सौंपी है। अब डॉट प्रोवाइडर की तर्ज पर वह टीबी के मरीजों को दवाएं भी उपलब्ध कराएगी। दरअसल, टीबी के खात्मे को सरकार गंभीर है। टीबी के मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन दूर-दराज गांव में रहने वाले मरीजों तक दवा नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में आशा कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई है। जिस गांव में भी टीबी के मरीज होंगे, वहां नियुक्त आशा उन मरीजों को रोजाना दवा खिलाने में सहयोग करेगी। इससे मरीज के बीच में दवा छोड़ने की संभावना भी कम रहेगी।
जिले में मौजूदा समय में टीबी के 2366 मरीज हैं। इनमें 2053 ऐसे मरीज हैं, जो सरकारी अस्पताल से दवा ले रहे थे। इसके अलावा 313 ऐसे मरीज हैं, जो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे थे। टीबी के मरीज को छह माह से एक साल तक नियमित दवा खानी पड़ती है। कई बार मरीज को लगता है कि वह ठीक हो गया है। तब वह समय से पहले ही दवा खाना छोड़ देता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने गांव की आशा कार्यकर्ता की मदद ली है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार वाष्र्णेय बताते हैं कि आशा को अपने गांव के बारे में पूरी जानकारी होती है। यदि उसके जरिए रोगी को टीबी की दवा पहुंचाई जाएगी तो वह बीच में दवा नहीं छोड़ पाएगा। यदि ऐसा करेगा तो आशा कार्यकर्ता के जरिए इसकी जानकारी हो जाएगी।