एड्स रोगियों के लिए जिला अस्पताल में बनेगा एआरटी सेंटर

रामपुर जिले में एड्स रोगियों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में ही एआर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 11:51 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 11:51 PM (IST)
एड्स रोगियों के लिए जिला अस्पताल में बनेगा एआरटी सेंटर
एड्स रोगियों के लिए जिला अस्पताल में बनेगा एआरटी सेंटर

रामपुर : जिले में एड्स रोगियों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में ही एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी) सेंटर खोलने का फैसला लिया है। यहां अभी तक सेंटर न होने पर मरीज को शुरुआत में एक बार मुरादाबाद जाना पड़ता था। वहां उनकी बीमारी के लक्षण के आधार पर दवा तय की जाती थी। इसके बाद दवाएं यहीं से उपलब्ध होने लगती थीं। सेंटर यहां बनने के बाद शुरुआत में मरीज को मुरादाबाद नहीं जाना होगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के एड्स रोगियों को काउंसिलिग के लिए जिला अस्पताल नहीं आना पड़ेगा। उन्हें यह सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहबाद, बिलासपुर और टांडा में मिलेगी। यहां काउंसलर के साथ ही एक-एक लैब टेक्नीशियन की भी तैनाती की गई है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रदीप कुमार वाष्र्णेय ने दी। उन्होंने मंगलवार को विश्व एड्स दिवस पर कई जगह जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित कराए। इसमें उन्होंने लोगों को एड्स जैसी बीमारी से बचाव की जानकारी दी। इसके लक्षण बताते हुए कहा कि यदि किसी को ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत जिला अस्पताल आकर जांच करा सकता है। उसका नाम-पता गोपनीय रखा जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में जिले में 60 एड्स रोगी मिले थे, जबकि इस साल अभी तक 29 मरीज सामने आ चुके हैं। इनकी दवा और काउंसिलंग कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के निर्देश पर एचआइवी और कोविड-19 जागरूकता संबंधी स्टाल भी लगाए गए। ये स्टाल शाहबाद के रेवडी कला, बिलासपुर के जनूनागर, स्वार के मीरापुर और बिलासपुर के मानपुर ओझा में लगाए गए। यहां एचआइवी/एड्स और कोविड 19 जागरूकता संबंधी परामर्श एवं कम्युनिटी बेस्ड स्क्रीनिग की गई। मास्क एवं सैनेटाइजर का वितरण भी किया गया। सीआरपीएफ जवानों को भी एड्स के प्रति किया जागरूक

विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जवानों को इससे बचाव की जानकारी दी। नाको एड्स कार्यक्रम सलाहकार डा. कुलदीप सिंह चौहान ने जवानों की काउंसिलिग करते हुए कहा कि अभी तक एड्स एवं एचआइवी से बचाव के लिए कोई भी टीका नहीं बन सका है। न ही इसका इलाज खोज पाए हैं, इसलिए बचाव ही इस रोग का इलाज है। जागरूकता से इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सका है। हमें और अधिक सतर्क रहकर इस बीमारी का पूरा अंत करना है। 239 बटालियन के कमांडेंट मनमोहन सिंह ने कहा कि एचआइवी संक्रमण से बचाव के लिए हमारे जवान सुरक्षा के नियमों का पूरा पालन कर रहे हैं और इस बीमारी से बचे काफी हद तक बचे हुए हैं।

ग्रुप सेंटर के कमांडेंट दिनेश कुमार सिंह ने कहा कोविड-19 ने जिस तरीके से जिस तरह से कोरोना से बचाव के लिए सावधानी की जा रही है, उसी तरह एचआइवी से भी बचाव करें। इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रदीप कुमार वाष्र्णेय, मेडिकल आफिसर डा. अनामिका, कमांडेंट डीके सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी विजय प्रताप, उप कमांडेंट चांदराम, राम केवल, विनय सिंह, सहायक कमांडेंट अभिमन्यु यादव, महेश राम, सुनील कुमार लाम्बा, मनीष सिंह, राजेश यादव, क्षेत्रीय फेमिली वेलफेयर एसोसिएशन की सचिव मनु तिवारी, जिला अस्पताल के काउंसलर शेखर आदि मौजूद रहे। केमरी में स्वास्थ्य शिविर में हुई 15 लोगों की एचआइवी जांच

क्षेत्र के जनूनागर गांव में मंगलवार को विश्व एड्स दिवस पर एक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रदीप वाष्र्णेय ने ग्रामीणों को इस जानलेवा बीमारी के लक्षण एवं बचाव के उपाय बताए। एड्स रोग असुरक्षित यौन संबंधों एवं संक्रमित व्यक्ति के रक्त लेने से फैलता है। इस रोग से बचने के लिए समय-समय स्वास्थ्य परीक्षण कराने की सलाह दी। बोले, परीक्षण कराने से सही और समय से इलाज मिल जाता है। कहा कि वर्तमान समय में ज्यादातर रोगों का उपचार संभव है। उन्होंने कहा चिकित्सक की सलाह लिए बगैर कोई दवा नहीं खाना चाहिए, नहीं तो इसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है। इस तरह की लापरवाही से रोगी की जान भी जा सकती है। कोरोना से बचाव के लिए बार-बार साबुन से हाथ धोने, भीड़ से बचने, मास्क पहनने एवं दो गज दूरी के पालन करने पर जोर दिया। इस अवसर पर डा. प्रदीप वाष्र्णेय ने 150 लोगों को निश्शुल्क मास्क वितरित करने के साथ ही 15 लोगों की एचआइवी जांच की। इस दौरान सुपरवाइजर मुकेश कुमार, अनिल कुमार, ग्राम प्रधान कांता देवी शर्मा, भूप सिंह मौर्य, विजयपाल दिवाकर, राम सिंह, वीर सिंह दिवाकर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।

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