निर्दोषों को जेल न भेजने का वादा पूरा करे प्रशासन

रामपुर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में 21 दिसंबर 2019 को हुए बवाल में पुलिस द्वारा अब तक की जा रही गिरफ्तारी से शहर के उलमा में नाराजगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 12:09 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 12:09 AM (IST)
निर्दोषों को जेल न भेजने का वादा पूरा करे प्रशासन
निर्दोषों को जेल न भेजने का वादा पूरा करे प्रशासन

रामपुर : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में 21 दिसंबर 2019 को हुए बवाल में पुलिस द्वारा अब तक की जा रही गिरफ्तारी से शहर के उलमा में नाराजगी है। उन्होंने पुलिस पर निर्दोषों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।

ज्ञापन में कहा है कि प्रशासन ने हमसे वादा किया था कि इस मामले में किसी निर्दोष को जेल नहीं भेजा जाएगा और उनके नाम मुकदमे से निकाले जाएंगे, लेकिन प्रशासन अपना वादा भूल गया है। शुक्रवार को मजलिस ए शूरा जामा मस्जिद ने जुमे की नमाज के बाद इस मुद्दे पर चर्चा की। राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा कि जिला प्रशासन ने बड़ी तादाद में बेकसूरों पर मुकदमे कायम किए हैं। इसका शुरू में ही मजलिसे शूरा ने विरोद्ध दर्ज कराया था, जिसके बाद हत्या और जानलेवा हमले जैसी गंभीर धाराओं को खत्म कर दिया था। प्रशासन ने धारा 169 के तहत सभी को रिहा करने की बात कही था। हमसे यह भी वादा किया था कि जो भी गिरफ्तारियां होंगी, हमें एतमाद में लेकर होंगी और जिन बेकसूरों के नाम मुकदमे में हैं, उन्हें निकाला जाएगा। अज्ञात में कोई नया नाम शामिल नहीं होगा। लेकिन, प्रशासन ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया। एक भी नाम नहीं निकाला गया है और अज्ञात में 30 से ज्यादा जेल भेज दिये गए हैं। इस घटना में फैज की गोली लगने से मौत हो गई थी। उसके कातिलों का आज तक पता नहीं चल पाया है। लगता है प्रशासन ने मुस्लिम नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने का फैसला कर लिया है। 70 साल के बुजुर्गों को भी जेल भेज दिया है। पुलिस की यह कार्यशैली नाकाबिले बर्दाश्त है। ज्ञापन में 30 नवंबर 2020 को किले में जंजीर शाह बाबा की मजार तोड़ने की भी निदा की गई। कहा कि मजार की नई तामीर कराकर प्रशासन ने यह मामला खत्म कर दिया है और कुरआन की बेअदबी का मामला अमन कायम करने के लिए अल्लाह पर छोड़ दिया था, लेकिन इसके बाद भी फरहत अहमद जमाली और मौलाना अंसार अहमद के नाम बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेज दिया गया। ज्ञापन के माध्यम से मजलिसे शूरा एक बार फिर मांग करती है कि प्रशासन हमसे किए गए वादों को पूरा करे। ऐसा नहीं हुआ तो चंद रोज बाद जिला स्तर की मीटिग बुलाकर अगले कदम को तय करेंगें। ज्ञापन पर शहर इमाम मुफ्ती महबूब अली, मौलाना असलम जावेद कासिमी, मुफ्ती मकसूद अहमद, शिया इमाम जमा बाकरी, मुकर्रम इनायती, शुएब मुहम्मद, असलम हसन खां, अतीक उल्लाह खां, सुल्तान सैफी, हाजी शाहिद खां, सैय्यद सरोश अहमद, हाजी अकील, मुस्लिम मुईन कुरेशी, इमरान सलीम, सैय्यद शकील गौस आदि के हस्ताक्षर हैं।

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