कोरोना के नए वैरिएंट से निबटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

रामपुर दो बार कोरोना का दंश झेल चुका स्वास्थ्य विभाग नए वेरिएंट से निबटने को पूरी तरह तैयार है। यहां संक्रमण की जांच से लेकर इलाज के सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं। बच्चों के इलाज के लिए अलग से पीकू वार्डों की व्यवस्था की गई है। बुधवार को जिलाधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ और मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजीव यादव ने तैयारियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:05 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:05 PM (IST)
कोरोना के नए वैरिएंट से निबटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
कोरोना के नए वैरिएंट से निबटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

रामपुर : दो बार कोरोना का दंश झेल चुका स्वास्थ्य विभाग नए वेरिएंट से निबटने को पूरी तरह तैयार है। यहां संक्रमण की जांच से लेकर इलाज के सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं। बच्चों के इलाज के लिए अलग से पीकू वार्डों की व्यवस्था की गई है। बुधवार को जिलाधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ और मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजीव यादव ने तैयारियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी।

जिलाधिकारी ने बताया कि नए वेरिएंट से निपटने के लिए भी कोविड गाइड लाइन का अनुपालन जरूरी है। चेहरे पर मास्क लगाने के साथ ही शारीरिक दूर बनाएं रखें। साबुन से हाथ धोते रहें और बीमारी का लक्षण होने पर तत्काल जांच कराएं। सीएमओ ने बताया कि नया वेरिएंट सीधे फेफड़े पर भी हमला करता है। ऐसे में हो सकता है कि खांसी या बुखार के लक्षण न होने पर भी बीमारी जकड़ ले। इसलिए फेफड़ों से संबंधित कोई भी समस्या होने पर तत्काल जांच कराएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां पूरी हैं। आरटीपीसीआर जांच के लिए बनाई लैब

कोरोना महामारी का इलाज करने के लिए सबसे पहले संक्रमण की जांच की जाती है। इसके लिए जिले में एंटीजन और ट्रूनेट जांच की ही सुविधा उपलब्ध थी। आरटीपीसीआर जांच के लिए सेंपल नोएडा भेजे जाते थे, जिसकी रिपोर्ट मिलने में दो से चार दिन लगते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। जिला अस्पताल में ही आधुनिक और वातानुकूलित लैब तैयार हो चुकी है, जहां आरटीपीसीआर जांच हो सकेगी। 21 नवंबर को मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से लैब का उद्घाटन कर चुके हैं।

चार प्लांट पूरी करेंगे आक्सीजन की जरूरत कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन को लेकर मची त्राहि-त्राहि को देखते हुए शासन ने सभी जिलों में आक्सीजन प्लांट लगाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद जिले में चार आक्सीजन प्लाट लगाए गए। इन चारों प्लांट की क्षमता 2350 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) होगी। इनमें जिला अस्पताल में 150 एलपीएम क्षमता का प्लांट कोरोना काल से पहले लगा था, जबकि एक हजार एलपीएम क्षमता के प्लांट का सात अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था। इसकी लागत डेढ़ करोड़ रुपये है। इसे अलावा बिलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 300 एलपीएम क्षमता का प्लांट चालू हो चुका है। अब 500 एलपीएम क्षमता का चौथा प्लांट जिला महिला अस्पताल में लगाया जा रहा है। प्लांट की मशीनरी आ चुकी है।

कोरोना मरीजों के इलाज को 100 बेड का एल-टू हास्पिटल बना

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में 100 बेड का एल-टू हास्पिटल बनाया है। यहां प्रत्येक बेड पर आक्सीजन की सुविधा है। 10 आइसीयू बेड भी हैं। इसके अलावा जौहर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज में 100 बेड का एल-वन हास्पिटल बनाया गया है। सीएमओ डा. संजीव यादव ने बताया कि जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों को भी अधिग्रहित किया जाएगा।

बच्चों को कोरोना से बचाने को बनाए पांच पीकू वार्ड

कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलग से व्यवस्था की है। इसके तहत ब्लाक स्तर पर सरकारी अस्पतालों में पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड तैयार गए हैं। जिले में 80 बेड के पांच पीकू वार्ड बनाए गए हैं। इनमें अकेले जिला अस्पताल में ही 40 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है। यहां 20 बेड आक्सीजन युक्त और 20 आइसीयू बेड हैं। शाहबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बिलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी 10-10 बेड का पीकू वार्ड बनाया है। इसके अलावा जौहर यूनिवर्सिटी में भी 10 बेड का अलग पीकू वार्ड तैयार किया गया है। इन सभी में आठ बेड आक्सीजन युक्त होंगे, जबकि दो-दो आइसीयू बेड हैं। पीकू वार्डाें में बाल रोग विशेषज्ञ के साथ चिकित्सकों की 24 घंटे तैनाती की जाएगी। साथ ही संबंधित चिकित्सीय संसाधन और दवाएं उपलब्ध रहेंगी।

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