वन स्टाप सेंटर में 31 गंभीर मामलों का हो चुका है निस्तारण

रामपुर जिले में वन स्टाप सेंटर के जरिये महिलाओं के 31 मामलों का निस्तारण किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:06 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:06 PM (IST)
वन स्टाप सेंटर में 31 गंभीर मामलों का हो चुका है निस्तारण
वन स्टाप सेंटर में 31 गंभीर मामलों का हो चुका है निस्तारण

रामपुर : जिले में वन स्टाप सेंटर के जरिये महिलाओं के 31 मामलों का निस्तारण किया गया है। यह सेंटर किसी भी प्रकार की हिसा से पीड़ित महिला के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां महिलाओं को एक ही छत के नीचे मेडिकल सुविधा, विधिक परामर्श, अस्थाई रूप से रहने की व्यवस्था तथा केस फाइल करने में मदद की सुविधा प्रदान की जाती है।

जनपद में जिला चिकित्सालय परिसर में वन स्टॉप सेंटर संचालित है, जहां सेंटर मैनेजर, काउंसलर, केस वर्कर और स्टाफ नर्स लगातार सक्रिय रहकर जनपद में महिलाओं की उत्पीड़न से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न आर्थिक एवं पारिवारिक समस्याओं के ²ष्टिगत महिला अपराधों व उत्पीड़न के मामलों को रोकने और उनका त्वरित समाधान कराने में वन स्टाप सेंटर की महत्ता और भी अधिक बढ़ गई है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि वन स्टाप सेंटर भारत सरकार द्वारा महिला अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए संचालित बेहद महत्वपूर्ण केंद्र है। इसमें पुलिस विभाग द्वारा हस्तांतरित मामलों के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न से परेशान महिलाएं सीधे तौर पर भी संपर्क करके अपनी समस्याओं का समाधान करा रही हैं। जनपद में वन स्टाप सेंटर के संचालन की पूरी जिम्मेदारी सेंटर मैनेजर को दी गई है तथा पारिवारिक एवं सामाजिक ²ष्टिकोण से महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों की काउंसिलिग के लिए एक काउंसलर तैनात हैं। इसके अलावा हिसा से जुड़े मामलों में चिकित्सीय सेवा के लिए तीन स्टाफ नर्स तैनात हैं, जो उत्पीड़न की दशा में महिलाओं को मेडिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। किसी भी मामले की जमीनी स्तर पर तहकीकात के लिए दो केस वर्कर भी तैनात हैं, जो हिसा और उत्पीड़न जैसे मामलों पर पूरे मामले की पड़ताल के बाद उसके निस्तारण में महती भूमिका निभाती हैं।

वन स्टाप सेंटर की सेंटर मैनेजर चांद बी बताती हैं कि बीते चार माह से जनपद में संचालित इस सेंटर के माध्यम से जनपद में महिला उत्पीड़न के मामलों में तेजी से सुधार करने में मदद मिल रही है। अब तक पुलिस के माध्यम से तथा सीधे तौर पर सेंटर को 43 मामले प्राप्त हुए हैं जिनमें से 22 मामले घरेलू हिसा से जुड़े हुए हैं तथा 21 मामले छेड़छाड़, बाल उत्पीड़न और दुष्कर्म से संबंधित हैं। नियमित रूप से काउंसलिग एवं विधिक कार्यवाही कराते हुए अब तक 31 मामलों का निस्तारण सफलतापूर्वक सुनिश्चित कराया जा चुका है तथा 12 ऐसे मामले हैं, जिनके निस्तारण पर काम चल रहा है।

वन स्टॉप सेंटर की काउंसलर चारू ने बताया कि अधिकतर मामलों में काउंसलिग के माध्यम से आपसी सहमति के आधार पर पारिवारिक समस्याओं का समाधान कराया जा रहा है तथा महिला उत्पीड़न के मामलों के निस्तारण कराए जा रहे हैं। वे बेहद खुशी के साथ बताती हैं कि उन्हें पारिवारिक विघटन से जुड़ी सामाजिक समस्याओं को कम करने में मदद मिल रही है। केस-एक

रिश्ते को टूटने से बचाया

शहर की महिला ने ससुराल में पति और स्वजनों द्वारा उत्पीड़न करने और घर से निकालने का मामला वन स्टाप सेंटर में दर्ज कराया।

काउंसलर चारू ने बताया कि शिकायत के बाद महिला और उसके पति को केंद्र पर बुलाकर तीन से चार बार काउंसलिग की गई।

काउंसलिग के उपरांत पति की मानसिकता में बदलाव हुआ और अब दोनों हंसी खुशी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। केस-दो

मानसिक रूप से पीड़ित महिला को परिजनों से मिलाया।

थाना अजीमनगर क्षेत्र में मानसिक रूप से बीमार महिला के बारे में स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस द्वारा महिला को वन स्टाप सेंटर भेजा गया। महिला के सबसे पहले स्वास्थ्य के ²ष्टिगत उसे जरूरी प्राथमिक उपचार दिलाया गया। महिला की लगातार काउंसलिग के बाद अस्पष्ट शब्दों में गांव का नाम पता चला। इसके बाद टीम ने गूगल के माध्यम से गांव की लोकेशन की छानबीन शुरू की। काफी मशक्कत के बाद पता चला कि वह गांव बिजनौर में पड़ता है, फिर टीम ने उस गांव से संबंधित थाना प्रभारी से संपर्क किया और महिला की फोटो भेजी। फोटो के आधार पर ग्रामीणों ने महिला के बारे में पुष्टि की। इसके बाद पुलिस सहायता 112 वाहन के माध्यम से महिला को उसके स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया। केस- तीन

भिक्षावृत्ति से निजात दिलाकर वृद्ध आश्रम भेजा

कोसी नदी क्षेत्र में मानसिक रूप से बीमार अज्ञात महिला मिली, जिसके बारे में टीम ने जानकारी जुटाने का काफी प्रयास किया। कड़ी मशक्कत के बाद पता चला कि वह महिला भिक्षावृत्ति से जुड़े हुए लोगों के साथ जनपद में आ गई है। इसके बाद टीम ने महिला की काउंसलिग की और उसे वृद्ध आश्रम भेज दिया गया। अब महिला वृद्ध आश्रम में बेहतर तरीके से रह रही है।

chat bot
आपका साथी