बारिश से ढही दीवारें, वृद्धा समेत दो की मौत, चार घायल

--शुक्रवार को भी जनजीवन रहा प्रभावित कहीं आने जाने से बचते रहे लोग -- डीएम के निर्देश पर प्रभावित परिवारों का हाल जानने पहुंचीं टीमें

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:53 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:53 PM (IST)
बारिश से ढही दीवारें, वृद्धा समेत दो की मौत, चार घायल
बारिश से ढही दीवारें, वृद्धा समेत दो की मौत, चार घायल

रायबरेली : लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। दीवारें ढहने से वृद्धा समेत दो लोगों की मौत हो गई, दंपति समेत चार लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज अस्पताल में कराया गया। जगतपुर : पूरे मंसाराम मजरे शहरी गांव निवासी बाबूलाल और इनकी बेटी रामावती टिनशेड के नीचे सो रहे थे। गुरुवार की देर रात कच्ची दीवार ढह गई, जिससे दोनों मलबे में दब गए। पास के टिनशेड के नीचे सो रही पत्नी तेज आवाज सुनकर जब पहुंची तो हालात देख शोर मचाया। आसपास के ग्रामीण एकत्र हो गए। कड़ी मशक्कत कर दोनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक बाबूलाल की मौत हो गई थी। गांववालों ने सीता को सीएचसी पहुंचाया, जहां से जिला चिकित्सालय भेज दिया गया। उपजिलाधिकारी दिव्या ओझा ने बताया कि राजस्व टीम मौके पर भेजी गई। शासन द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

सलोन : सलोन कोतवाली के पूरे मुरारी का बाग मजरे बेवली गांव में दोपहर मिट्टी से बनी दीवार ढहने से वृद्धा चंद्रकली दब गईं। ग्रामीणों ने बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। गांव के ही वृद्ध आफाक खान और उनकी पत्नी तकदीरुन निशा कच्चा मकान ढहने से मलबे में दब गए। दोनों को मलबे से निकालकर सीएचसी में भर्ती कराया गया है।

ऊंचाहार : पूरन शाहपुर गांव निवासी महेंद्र तिवारी की पत्नी गुड़िया गुरुवार की देर शाम घर में खाना बना रही थीं। इसी बीच अचानक कोठरी की कच्ची दीवार भरभराकर ढह गई। इससे वे मलबे में दबकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इनसेट-

ढहा पक्का मकान, बाल-बाल बचे लोग

अमावां ब्लाक के बीबीपुर तालुके हंसना गांव में रामकुमार यादव का पक्का मकान ढह गया। उनके परिवार के सभी लोग बाल-बाल बच गए। हालांकि गृहस्थी का सामान नष्ट हो गया। वहीं, मंचितपुर गांव के पास मुख्य मार्ग पर कई पेड़ गिरने से आवागमन प्रभावित रहा। उफरामऊ, सिधौना, कोड़रस बुजुर्ग, चकदादर समेत कई गांव जलभराव की चपेट में हैं। बारिश से सिधौना गांव टापू बन गया। मोहम्मद मतीन खान ने खोदाई मशीन से पानी निकास की व्यवस्था कराई। भारी बारिश से चकदादर के रमेश, छीटू, श्यामलाल, गजोधर के कच्चे घर ढह गए।

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