घर की देहरी नहीं लांघ रहे थुलरई गांव के वासी

- 17 दिनों में 17 लोगों की मौत के बाद बदल गया माहौल गलियों में पसरा सन्नाटा बयां कर रहा दहशत की दास्तां - सेवानिवृत्त बीएसए के निधन के बाद सिर्फ कुछ घरों में कराया गया सैनिटाइजेशन 66 लोगों की हुई कोरोना जांच

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:29 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 11:29 PM (IST)
घर की देहरी नहीं लांघ रहे थुलरई गांव के वासी
घर की देहरी नहीं लांघ रहे थुलरई गांव के वासी

रायबरेली : दोपहर के 12:30 बज रहे हैं। दीनशाह गौरा ब्लॉक के बेलाखारा से थुलरई जाने वाले मार्ग पर सन्नाटा पसरा है। थुलरई गांव के भीतर गलियों में आवागमन लगभग शून्य दिखा। सड़क किनारे पेड़ की छांव में कुछ बच्चे खेलते-कूदते नजर आए। गुमटियों में भी दुकानदार तो थे, लेकिन ग्राहक नहीं। कारण महामारी के डर से यहां लोग घर की देहरी यानी द्वारा नहीं लांघ रहे।

बरामदे में बैठे 70 वर्षीय लक्ष्मीशंकर शर्मा से जब पूछा गया कि स्वास्थ्य टीम आई थी या नहीं, सैनिटाइजेशन कराया गया है? इनका जवाब था कुछ नहीं हुआ। थर्मल स्क्रीनिग के लिए आशा बहू आई होंगी? वे बोल पड़े- अभी तक यहां कोई जांच नहीं हुई। इनके घर से करीब आठ-दस मकान छोड़कर दरवाजे पर खड़ी शांती देवी के चेहरे पर महामारी को लेकर चिता के भाव दिखे। वे बोलीं, लगभग एक हफ्ता पहले गांव के कुछ हिस्से में सैनिटाइजेशन किया गया। 50-60 लोगों की ही कोरोना जांच हुई। उसके बाद से यहां कोई भी गांव वालों का हाल जानने नहीं आया। कांति मिश्रा ने कहा कि अभी भी कई लोग सर्दी, जुकाम से पीड़ित हैं। अगर हेल्थ कैंप लग जाए तो काफी राहत मिल जाए। इस गांव में महामारी का प्रकोप बाहर से नहीं आया बल्कि पंचायत चुनाव के बाद स्थिति गांव में ही उत्पन्न हुई।

सेवानिवृत्त बीएसए के निधन के बाद सिर्फ एक बार नगर पंचायत डलमऊ और सीएचसी गौरा से टीम आई। वो भी कुछ घरों में ही जांच करके लौट गई। गांव के लोगों ने बताया कि सिर्फ 66 लोगों की जांच हुई, जिनमें दो लोग संक्रमित मिले। जबकि गांव में अभी भी करीब आधा सैकड़ा लोग सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं। यहां विगत 17 दिनों में 17 लोग काल के गाल में असमय समा चुके हैं।

जागरण की टीम करीब दो घंटे गांव में रही। इस दौरान पांच हजार आबादी वाले इस गांव में महज इक्का दुक्का लोग ही सड़कों पर नजर आए। घरों के बाहर बरामदे में भी खाली चारपाई पड़ी मिलीं। हां, कुछ बच्चे जरूर एक दूसरे के साथ हंसी ठिठोली करते दिखे। इस गांव के मौजूदा प्रधान और पूर्व प्रधान दोनों अलग-अलग पुरवों में रहते हैं। संक्रमण काल में इनका भी थुलरई आना-जाना कम ही है।

बोले एसडीएम,

थुलरई में सैनिटाइजेशन और कोरोना जांच के लिए गौरा सीएचसी अधीक्षक को दो बार पत्र लिखा जा चुका है। फिर से उन्हें रिमाइंडर भेजा जाएगा।

विजय कुमार, एसडीएम डलमऊ

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