अब गुरुजी कर रहे गोवंशों के चारे का इंतजाम

बीएसए ने बेसहारा मवेशियों के लिए उठाया कदम विद्यालयों की खाली जमीनों पर हरे चारे की पैदावार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Mar 2021 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 14 Mar 2021 11:52 PM (IST)
अब गुरुजी कर रहे गोवंशों के चारे का इंतजाम
अब गुरुजी कर रहे गोवंशों के चारे का इंतजाम

दिलीप सिंह, रायबरेली : दोपहर भोजन में हरी सब्जियों के लिए स्कूल परिसर में किचन गार्डेन। खूबसूरती व सुगंध की खातिर गुलाब वाटिका की स्थापना हुई। अब गोवंशों के लिए गुरुजी हरे चारे का भी इंतजाम कर रहे हैं। ऐसा बेसिक शिक्षक अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा की पहल पर हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की यह पहल चर्चा का विषय बनी है।

शिक्षा का मंदिर महके। आसपास बेहतर शिक्षण माहौल बने। कुछ इसी मंशा से स्कूल परिसर में गुलाब वाटिका तैयार कराई। शिक्षकों के साथ खुद बीएसए भी आगे आए। विकास भवन का वह क्षेत्र जो कभी बदबूदार होता था, अब फूलों की सुगंध से महक रहा है। कोरोना महामारी के दौरान विद्यालय आ रहे शिक्षकों की मदद से किचन गार्डेन तैयार कराया। इसमें तैयार सब्जियों का प्रयोग एमडीएम बनाने में किया। ऐसे अभिनव प्रयोग के बाद चर्चा में आए बीएसए ने एक बार फिर अनोखी पहल की है। इस बार बेजुबानों के लिए हरे-चारे का प्रबंध करा रहे हैं। इसके लिए एक मुहिम चलाई। उन विद्यालयों को चुना, जहां पर पर्याप्त मात्रा में खाली जमीन पड़ी हुई है। शिक्षकों को प्रेरित किया। हरे चारे की बोआई कराई। उनकी इसी पहल का नतीजा है कि कान्हा गोशाला में शिक्षा के मंदिर के हरे चारे से गोवंशों का पेट भर रहा है।

कोरोना काल में बेहतर कार्य पर शिक्षा मंत्री से मिला सम्मान

कोरोना महामारी में प्रवासी घर लौटने लगे। रास्ते में लोग भूख मिटाने के लिए व्याकुल दिखे। इस दौरान बीएसए ने सूझबूझ दिखाई। शिक्षक दंपतियों को प्रेरित किया। उनसे हर दिन 25-25 लंच पैकेट बनवाकर वितरण कराया। इस पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बीएसए को सम्मानित भी किया।

बेसहारा मवेशियों की पीड़ा को देख हुए द्रवित

बीएसए कहते हैं कि गोवंशों की दशा देख कान्हा गोशाला और गो आश्रय स्थल को हरा चारा उपलब्ध कराने की रणनीति बनाई। कई विद्यालयों में पर्याप्त जमीन खाली पड़ी हुई थी। ऐसे में उनका सदुपयोग करते हुए हुए हरे चारे की बोआई कराई।

शिक्षा विभाग ने पेश की मिसाल, मिलेगी मदद

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि शिक्षा विभाग ने मिसाल पेश की है। यह अच्छी पहल है। हाल ही में एक लोडर हरा चारा शिक्षा विभाग से मिला है। इसी तरह सहयोग के लिए हर कोई आगे आने लगे तो काफी हद तक मुश्किलों को दूर किया जा सकता है।

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