महामारी के संकट से गर्दिश में आरेडिका कसितारे

लाकडाउन के कारण 50 फीसद कर्मचारियों की लगाई जा रही ड्यूटी रा-मैटेरियल की आवक भी प्रभावित शेल शॉप में काम हुआ ठप

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 11:50 PM (IST)
महामारी के संकट से गर्दिश में आरेडिका कसितारे
महामारी के संकट से गर्दिश में आरेडिका कसितारे

सूर्य प्रकाश तिवारी, रायबरेली : हमेशा से अपनी रफ्तार का लोहा मनवाने वाले आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। इसकी वजह पूरे विश्व में फैली जानलेवा बीमारी है। महामारी के चलते लगे लाकडाउन में कर्मचारियों की संख्या तो घट ही गई है। रॉ मैटेरियल भी नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा ऑक्सीजन का संकट अलग से कारखाने की मुश्किलें बढ़ा रहा है।

रायबरेली-बांदा नेशनल हाईवे पर लालगंज स्थित इस फैक्ट्री में नियमित और ठेका श्रमिक मिलाकर करीब सात हजार के आसपास कर्मचारी यहां पर काम करते हैं। लाकडाउन के कारण इनमें से 50 फीसद कर्मचारी ही बुलाए जा रहे हैं। इसके अलावा तमाम कर्मचारी खुद ही नहीं आ रहे। कोई बीमार है तो किसी को महामारी का डर सता रहा है। रेल के डिब्बों के निर्माण के लिए आने वाले रा-मैटेरियल की भी आवक प्रभावित है। सबसे अधिक समस्या शेल शाप में है। कारखाने का यही वह विभाग है, जहां पर ट्रेन के डिब्बे को आकार दिया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा काम वेल्डिग का होता है, जिसमें ऑक्सीजन गैस की आवश्यकता पड़ती है और वह मिल नहीं रही। ऐसे में शेल शॉप का काम पूरी तरह से ठप है।

इनसेट

वित्तीय वर्ष के पहले महीने नहीं निकला एक भी कोच

पिछले साल कारखाने को 1343 कोच बनाने का लक्ष्य मिला था। जिसे लाकडाउन के बाद भी पूरा कर लिया गया। इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1810 कोच के निर्माण का टारगेट दिया गया है। अब हर महीने कुछ न कुछ कोच यहां से निकलते आए हैं। जबकि पिछले महीने इसका रिकार्ड शून्य रहा। ऐसे ही हालात रहे तो लक्ष्य की पूर्ति भी मुश्किल होगी। इनकी भी सुनें

कारखाने में काम चल रहा है, लेकिन उस स्पीड से नहीं, जो पहले रहती थी। एक वजह तो मैन पॉवर का आधा होना है। महामारी को देखते हुए आधे कर्मचारी बुलाए जा रहे हैं। दूसरी वजह ऑक्सीजन की कमी से शेल शॉप में वेल्डिग का भी काम रुका हुआ है।

वीके दुबे

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, आरेडिका

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