चबूतरे पर क्लास तो कहीं पानी से होकर गुजरते नौनिहाल

-जलनिकासी के सारे प्रयास नाकाम जिम्मेदार अनजान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:43 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:43 PM (IST)
चबूतरे पर क्लास तो कहीं पानी से होकर गुजरते नौनिहाल
चबूतरे पर क्लास तो कहीं पानी से होकर गुजरते नौनिहाल

रायबरेली : परिषदीय विद्यालयों की दशा बेहद खराब है। बरसात के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित है। कई जगह परिसर में डेढ़ से दो फीट तक पानी भरा हुआ है। शिक्षक भी अंदर जाने से डरते हैं। ऐसे में नौनिहालों को चबूतरा तो किसी ग्रामीण के बरामदे में टाट-पट्टी पर बैठाकर पढ़ाने को विवश हो रहे हैं। आधा सैकड़ा से अधिक विद्यालय हैं, जहां पर कमोवेश ऐसी स्थिति बनी हुई है। इनमें कई तालाब के किनारे तो कुछ निचले इलाके के स्कूल हैं। बारिश में सारा पानी परिसर में भर जाता है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। हादसे का भी खतरा बना है।

²श्य- एक सप्ताहभर से भरा पानी, प्रधान भी विवश रोहनियां ब्लाक का समसपुर प्राथमिक विद्यालय। पिछले एक सप्ताह से शिक्षकों द्वारा चबूतरे पर पठन-पाठन किया जा रहा है। जलभराव की जानकारी होने पर प्रधान ने भी पूरी कोशिश की। जैसे-तैसे पानी निकालने के लिए लगे रहे, लेकिन तालाब से सटा विद्यालय होने के कारण वापस पानी भर गया। ²श्य- दो

पानी के बीच से आने को मजबूर नौनिहाल

ऊंचाहार के हादीपुर का प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय। यहीं से आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित होता है। विद्यालय के चारों ओर पानी भरा है। इसी के बीच से बच्चे आने-जाने को विवश हैं। कई बार फिसल कर गिर भी जाते हैं। वहीं जहरीले जंतुओं का खतरा भी बना रहता है। प्रधानाध्यापक रामउजेर यादव ने बताया कि इस समस्या से सबको अवगत कराया जा चुका है। खंड शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी का कहना है कि सरकार द्वारा जलसंचयन को लेकर हार्वेस्टिग प्लांट लगाया जाना है। बजट मिलते ही लगवा दिया जाएगा। इससे जलभराव की समस्या भी दूर हो जाएगी। इसी तरह अमावां ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय उफरामऊ का भी हाल है। पानी भरा होने के कारण बच्चे बाहर ही रहते हैं।

प्रधानाध्यापक संबंधित क्षेत्र के प्रधान से सहयोग लेकर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। साथ ही बीईओ को सामंजस्य बनाकर उचित कदम उठाने को कहा गया है, ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो।

शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

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