कोर्स कटौती से राहत तो किसी को भविष्य की चिता

- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नए शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए किया बदलाव - कोरोना महामारी को देखते हुए 50 फीसद पाठ्यक्रम के साथ दो सत्रों में बांटा जाएगा नया सत्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 11:31 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 11:31 PM (IST)
कोर्स कटौती से राहत तो किसी को भविष्य की चिता
कोर्स कटौती से राहत तो किसी को भविष्य की चिता

रायबरेली : कोरोना महामारी से शिक्षा जगत को काफी क्षति पहुंची है। बच्चे घर में रहने को विवश हैं। विद्यालयों द्वारा कोर्स पूरा कराने के लिए ऑन लाइन क्लास का संचालन कराया जा रहा है। अब कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना बढ़ती जा रही है। ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नए शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए काफी बदलाव किए हैं। इसमें कोर्स कटौती से कोई राहत महसूस कर रहा तो किसी को बच्चों के भविष्य की चिता सता रही है।

10वीं और 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन की सहायता से तैयार किया जाएगा। साथ ही नया सत्र 50 फीसद पाठ्यक्रम के साथ दो सत्रों में बांटा जाएगा। प्रत्येक सत्र के अंत में 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम की ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। ऐसा करने से आखिरी सत्र के लिए कक्षाएं लेने की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी। सीबीएसई के इस निर्णय छात्र और अभिभावक उचित बता रहे हैं। वहीं, शिक्षकों को बच्चों भविष्य की चिता सता रही है।

ऑन लाइन पढ़ाई से बढ़ीं दिक्कतें, कोर्स अधूरा

कक्षा 12 के छात्र जयेंद्र कुमार गुप्त का कहना है कि ऑन लाइन पढ़ाई में नेटवर्क आदि की समस्या से कोर्स अधूरा रह जाता है। हालांकि पढ़ाई सभी को पूरे पाठ्यक्रम की करनी चाहिए। हाईस्कूल के छात्र विशेष कुमार श्रीवास्तव ने कोर्स कटौती को उचित बताया। कहा कि घर में स्कूल जैसा माहौल नहीं रहता है। पढ़ाई पर न हो कोर्स कटौती का असर

अभिभावक जितेश कुमार श्रीवास्तव कोर्स कटौती को उचित तो मानते हैं। कहते है कि पढ़ाई पूरे पाठ्यक्रम की होनी चाहिए। इससे आगे बच्चों को परेशानी नहीं होगी। अजय कुमार का कहना है कि पढ़ाई को लेकर बच्चे काफी दबाव में हैं। यह कदम सही है। उचित कदम, बच्चे करें पूरी तैयारी केंद्रीय विद्यालय प्रधानाचार्य एसके अग्रवाल इसे उचित कदम मान रहे हैं। कहते हैं कि कोरोना काल में आगे क्या होगा किसी को नहीं पता। हालांकि कोर्स में कटौती से प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को परेशानी होगी। ऐसे में तैयारी पूरा करते रहें। एनएसपीएस के प्रबंध निदेशक डॉ. शशिकांत शर्मा का कहना है कि इससे छात्रों को आने वाले समय में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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