राजनीति के अखाड़े से वीरान हुई सलोन
रायबरेली इस विधानसभा क्षेत्र के लिए बीते दो सप्ताह बड़े भारी रहे। एक के बाद एक चार दिग्गज नेत
रायबरेली: इस विधानसभा क्षेत्र के लिए बीते दो सप्ताह बड़े भारी रहे। एक के बाद एक चार दिग्गज नेताओं को इसने खो दिया। ये ऐसे चेहरे थे जिन्होंने प्रदेश स्तर की राजनीति में क्षेत्र का नाम रोशन किया। इनके जाने से क्षेत्र के ही नहीं राजनीतिक पार्टियों को भी काफी गहरा आघात लगा है।
लोकसभा, विधानसभा या फिर पंचायत स्तर का चुनाव हो। सभी दलों की निगाहें सलोन पर लगी रहती हैं। इसकी वजह इस क्षेत्र का कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी का अहम हिस्सा का होना है। यहां का जिला तो रायबरेली है, लेकिन लोकसभा क्षेत्र अमेठी में आता है। शनिवार की देर रात पूर्व राज्यमंत्री शिवबालक पासी के निधन की सूचना से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। सबसे पहले पूर्व इन्कम टैक्स कमिश्नर भाजपा नेता बृजलाल पासी के निधन की खबर ने लोगों को झकझोर दिया था। वे इस बार भाजपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे। जीत की खबर मिलने से पहले ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद पूर्व ब्लाक प्रमुख राम सजीवन यादव ने लखनऊ के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। तीसरी घटना ने लोगों को उस समय सदमे में डाल दिया, जब भाजपा विधायक एवं पूर्व राज्य मंत्री दल बहादुर कोरी का निधन हुआ। उनके निधन की खबर पर सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी परिवारजनों को ढांढस बंधाया था। शनिवार की देर रात पूर्व राज्यमंत्री शिवबालक पासी की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया। ये सभी दिग्गज समूचे विधानसभा में राजनीति के चार मजबूत स्तंभ थे। इनके जाने से यहां की राजनीति गलियारों में वीरानी सी छा गई है।
इनसेट
राहुल और प्रियंका ने किया था प्रचार
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के बाद बागडोर सोनिया गांधी के हाथों में आई, तब भी पूर्व राज्यमंत्री शिवबालक पासी का पार्टी में रुतबा कम नहीं हुआ। वर्ष 2007 के चुनाव में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने मंच से सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बचपन में हमें पिताजी अमेठी और सलोन की गलियों में लोगों से मिलाया करते थे। उनके न रहने पर शिवबालक जी ने यहां पार्टी को कमजोर नहीं होने दिया।