पीपल, बरगद की छांव तो कहीं चबूतरे पर जल रही शिक्षा की अलख

कोरोना महामारी में पढ़ाई का बदला स्वरूप मुहल्ला कक्षाओं में शिक्षा से जुड़ रहे नौनिहाल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:44 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:44 PM (IST)
पीपल, बरगद की छांव तो कहीं चबूतरे पर जल रही शिक्षा की अलख
पीपल, बरगद की छांव तो कहीं चबूतरे पर जल रही शिक्षा की अलख

दिलीप सिंह, रायबरेली : पीपल, बरगद की छांव तो कहीं चबूतरे पर पढ़ते नौनिहाल। खुले आसमान के नीचे जमीन पर बोरी रख तो कोई ईंट पर बैठकर पढ़ाई कर रहा है। यह कहीं और नहीं बल्कि कोरोना महामारी में बदले शिक्षा के स्वरूप में आसानी से गांव या शहर के मुहल्लों में देखा जा सकता है। यहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों की माली हालत काफी खराब है। महंगे मोबाइल न होने के कारण ऑन लाइन शिक्षा से वंचित है। इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने मुहल्ला क्लास शुरू की। इसकी पूरी जिम्मेदारी भी गुरुजी पर है। बच्चों के भविष्य की बात आई तो बिना किसी विरोध के शिक्षकों ने सहर्ष स्वीकार किया। इसके बाद गांव-गांव शिक्षा की अलख जलने लगी। शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां मुहल्ला कक्षा का संचालन न हो रहा हो। इसका लाभ सरकारी विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों को मिल रहा है। अभिभावक लालता, सुनील विश्वकर्मा, ऊषा ने बताया कि बच्चे घर में रहकर परेशान हो गए थे। मुहल्ला कक्षाओं के संचालन से अब शिक्षा से जुड़ने लगे हैं।

शिक्षा के साथ कोरोना संक्रमण का बचाव भी

कोरोना संक्रमण से बच्चे प्रभावित न हो, इसका पूरा ख्याल शिक्षकों द्वारा रखा जा रहा है। रोहनियां क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय समसपुर में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपक कुमार कहते है कि गांव में स्थित पीपल पेड़ के नीचे प्रतिदिन मुहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। इसमें बच्चों के साथ अभिभावकों का पूरा सहयोग मिल रहा है।

पांच गांवों में मुहल्ला पाठशाला

जगतपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों द्वारा पांच गांवों में मुहल्ला पाठशाला लगाकर शिक्षण कार्य किया जा रहा है। शिक्षक संतोष कुमार ने कूड़गांव, सत्यदेव सिंह ने कुमेदान के पुरवा, ज्ञानेंद्र सिंह ने जोगमगदीपुर, संजय सिंह ने पूरे चिरंजू, अंकित ने पूरे शमशेर सिंह गांव में मुहल्ला कक्षा लगाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। कोरोना महामारी में बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। मुहल्ला क्लास के माध्यम से उन्हें शिक्षित किया जा रहा है।

मुहल्ला कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। इसमें शिक्षक बखूबी से कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। साथ ही गांव में प्रेरणा साथी भी बनाए जा रहे हैं, जिनकी मदद से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है।

शिवेंद्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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